नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा कांग्रेस पर कई मुद्दों को लेकर तीखा हमला बोले जाने के बाद सोमवार को राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर उन्हें चुनाव लड़ना नहीं आता तो उन्हें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को दोष नहीं देना चाहिए।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘नेता बनने का गुण होता है, वह आपको अंदर से लाना पड़ेगा। थोपने से नहीं होता है। आपके पास एक नेता के गुण होने चाहिए। जबरदस्ती मैं नेता हूं, मैं नेता हूं…कहने और सफेद टी-शर्ट पहनकर ऐसे बैठने से कोई नेता नहीं हो जाता।’’
उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने लोकसभा में विपक्ष के नेता के आचरण के कारण राहुल गांधी को अपना संदेश दो टूक तरीके से पहुंचा दिया है।
अब्दुल्ला ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए विशेष साक्षात्कार में कांग्रेस पार्टी की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर तीखी आपत्ति को खारिज किया था और कहा था कि ऐसा नहीं हो सकता कि जब आप चुनाव जीतें तो परिणाम स्वीकार कर लें और जब हार जायें तो ईवीएम पर दोष मढ़ दें।
उन्होंने कहा था, ‘‘ इसी ईवीएम के इस्तेमाल से (हुए चुनाव के बाद) संसद में आपके सौ से अधिक सदस्य पहुंच जाते हैं तो आप अपनी पार्टी की जीत का जश्न मनाते हैं, फिर आप कुछ महीने बाद पलटकर यह नहीं कह सकते कि… हमें ये ईवीएम पसंद नहीं हैं क्योंकि अब चुनाव के परिणाम उस तरह नहीं आ रहे हैं जैसा हम चाहते हैं।’’
पात्रा ने ईवीएम पर संदेह को खारिज करने के जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के बयान का हवाला दिया और कहा, ‘‘अब तो अब्दुल्ला ने भी कह दिया है कि राहुल जी अब ईवीएम पर ठीकरा फोड़ना बंद कर दीजिए। आपने जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ने का जो तरीका अपनाया, वह गलत था… वह अनुचित था। आपकी राजनीति ही गलत थी तभी आपकी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया।’’
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अब्दुल्ला ने अपना उदाहरण दिया कि वह लोकसभा का चुनाव हार गए थे लेकिन बाद में उन्होंने विधानसभा में सरकार बनाई।
उन्होंने कहा, ‘‘यही सुंदरता है भारत के लोकतंत्र की।’’
पात्रा ने कहा कि यहां तक कि कांग्रेस के सहयोगी दलों को भी गांधी परिवार और मुख्य विपक्षी दल की विरासत का एहसास हुआ है।
भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि इंडिया गठबंधन ही ‘सबसे बड़ा घोटाला’ है और उसके सहयोगी अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं तथा विपक्षी गठबंधन के चेहरे के तौर पर विभिन्न नेताओं के नाम आगे बढ़ाते हैं।