बाल कथा – अखबार की आदत

विनोद और अभिलाष पक्के और घनिष्ठ मित्रा थे। विनोद को बहुत ज्यादा सिगरेट पीने की गंदी आदत थी। एक बुरी आदत अभिलाष में भी थी। जालंधर जैसे शहर में रहते हुए भी वह समाचार बहुत कम सुनता था। अखबार तो बिलकुल भी नहीं पढ़ता था। सिगरेट वो कभी-कभी पीता था।


जालंधर रेलवे स्टेशन पर ये नौजवान मित्रा अपनी गाड़ी का इंतजार कर रहे थे। अभिलाष ने कहा, ’यार, बहुत बोर हो रहा हूं विनोद। एक सिगरेट तो पिला।‘
विनोद ने सिगरेट की डिबिया से एक सिगरेट निकालकर अभिलाष को पकड़ाई और डिबिया वापस अपनी जेब में रख ली।


’ये क्या? तू नहीं पिएगा‘ अभिलाष ने हैरानी से पूछा।
विनोद ने न में अपना सिर हिलाया। जैसे ही अभिलाष ने सिगरेट सुलगायी, एक रेलवे अधिकारी ने फौरन उनके पास आकर कहा, ’आप यह क्या कर रहे हैं?‘ वो अधिकारी पेन हाथ में लेकर अपने कोट की जेब टटोलने लगा। तभी दौड़ता हुआ एक कर्मचारी वहां पहुंचकर अधिकारी से बोला, ’सर, जल्दी आइए। अहमदाबाद  एक्सप्रेस प्लेटफार्म पर आ गई है और मेन गेट के पास कोई नहीं है।‘ अधिकारी ने एक कड़ी नज़र से अभिलाष की ओर देखा और तेज कदमों से मुख्य प्रवेश द्वार की ओर बढ़ गया।


विनोद अभिलाष को देखकर मुस्कुराने लगा। अभिलाष की समझ में कुछ न आया।
अभिलाष ये देखकर अचंभित था कि इतनी ज्यादा सिगरेट पीने वाला विनोद ट्रेन में भी सिगरेट नहीं पी रहा था लेकिन जैसे ही रेलगाड़ी ने हरियाणा में प्रवेश किया, विनोद ने झट से डिबिया निकालकर एक मिनट में दो सिगरेट पी डाले और फिर आराम से तीसरा सिगरेट सुलगाता हुआ ओला, ’अभिलाष, तेरे को पता है, वो रेलवे अधिकारी तेरे पास क्या करने आया था?‘


’नहीं तो?‘ अभिलाष ने कहा।
’वो तुझे पांच सौ रूपये का जुर्माना करने आया था,‘ विनोद ने फिर मुस्कुराते हुए बताया।
’पांच सौ रूपये का जुर्माना? लेकिन क्यों?‘ अभिलाष ने पूछा।
’क्यों क्या, तू सिगरेट जो पी रहा था, ये देख आज का अखबार। पंजाब सरकार ने कल ही सख्त आदेश जारी किए हैं कि प्लेटफार्म या ट्रेन में धूम्रपान करने वालों को कड़ा जुर्माना किया जाएगा।‘


अभिलाष बोला, ’अच्छा बच्चू! तभी तू इतनी देर से सिगरेट नहीं पी रहा था लेकिन तूने मुझे सिगरेट पीने से रोका क्यों नहीं?‘


 विनोद शरारती स्वर में बोला, ‘वैसे तो तू बच गया बेटे पर मैं अगर तेरे को रोक देता तो तुझे फाईन कैसे होता और अखबार पढ़ने का फायदा तुझे कैसे पता चलता?‘


अभिलाष इस बार मुस्कुराकर बोला, ’ठीक है यार। एक दिन मैं भी तेरी ये अत्यधिक सिगरेट पीने की गंदी आदत जरूर छुड़वाऊंगा लेकिन अभी मैं अपनी आदत बदलकर आज से अखबार पढ़ना शुरू करता हूं,‘ कहने के साथ ही अभिलाष ने झटके के साथ विनोद के हाथ से अखबार ले लिया और उसके पन्ने पलटने लगा।