मिरेकल मिनरल कैल्शियम

कैल्शियम हमारी हड्डियों की मजबूती व स्वस्थ दांतों के लिए आवश्यक है पर इसके अतिरिक्त कैल्शियम बहुत सी शारीरिक क्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यही नहीं, कैल्शियम का सेवन कई रोगों को दूर भी रखता है। इतने महत्त्वपूर्ण पोषक तत्व के लाभ जानते हुए भी हममें से कोई व्यक्ति इस मिनरल की सही मात्रा का सेवन नहीं करता। विशेषज्ञ तो कैल्शियम को ’मिरेकल मिनरल‘ मानते हैं।


नवीनतम शोधों से सामने आया है कि गर्भवती महिला को अतिरिक्त कैल्शियम की आवश्यकता होती है और इसका सेवन गर्भवती महिला को गर्भावस्था से संबंधित हाइपरटेंसिव डिसआडर्स से भी सुरक्षा देता है। इन विकारों के कारण बच्चे का प्रिमेच्योर जन्म होना, बच्चे का कम वजन होना व कई अन्य  दुष्परिणाम हो सकते हैं इसलिए गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम का अधिक सेवन करने को कहा जाता है।


कैल्शियम ओस्टिओपोरोसिस रोग से भी सुरक्षा देता है। इस रोग में हड्डियां कमजोर व मृदु हो जाती है व फ्रेक्चर होने की संभावना बढ़ जाती है। नवीनतम   शोधों से यह सामने आया है कि कैल्शियम की अधिक मात्रा का सेवन हड्डियों में होने वाने इस क्षय को रोकता है और ओस्टिओपोरोसिस के फलस्वरुप होने वाले फ्रैक्चर में भी कमी लाती है। अगर कैल्शियम को विटामिन डी के साथ लिया जाए तो शरीर द्वारा इस मिनरल को ग्रहण करने की क्षमता भी बढ़ती है।


विशेषज्ञों के अनुसार बचपन से ही कैल्शियम का सेवन अधिक करना चाहिए और इसके लिए कैल्शियम के अच्छे स्रोतों दूध, दही, दाल, पनीर, साबुत अनाज आदि का सेवन करना चाहिए। आजकल टिन्ड फूड व सॉफ्ट ड्रिंक्स का प्रचलन बढ़ गया है पर ये अमीनो एसिड युक्त होते हैं व इनमें सल्फर व फास्फोरस की मात्रा     अधिक होती है जो कैल्शियम को नष्ट करते हैं, इसलिए इनका उपयोग न करें।


मासिक धर्म से पूर्व महिलाओं को शारीरिक व मानसिक तकलीफों का सामना करना पड़ता है। इसमें भी कैल्शियम फायदेमंद साबित हुआ है। एक शोध में महिलाओं को जब कैल्शियम की अधिक मात्रा का सेवन कराया गया तो उनमें कैल्शियम का सेवन न करने वाली महिलाओं की तुलना में कम तकलीफें पाई गई। उनमें पेट दर्द, पीठदर्द, चिड़चिड़ापन आदि कम पाया गया।


आज हर दूसरे व्यक्ति को हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप है। इसे ’साइलेंट किलर‘ माना जाता है क्योंकि इसके लक्षण वर्षों तक उभर कर सामने नहीं आते और यह शरीर के महत्त्वपूर्ण अंगों को हानि पहुंचाता रहता है। यह पक्षाघात, हृदयाघात, गुर्दे संबंधित रोगों का कारण बनता है। यदि इसका उचित समय तक इलाज न किया जाए तो व्यक्ति की उम्र सीमा भी कम हो सकती हैं।


प्रतिदिन कैल्शियम की उचित मात्रा का सेवन करने से आप इतने रोगों से सुरक्षा पा सकते हैं, इसलिए अपने भोजन में दही, मछली, केला आदि को शामिल करें।