चंडीगढ़, पांच दिसंबर (भाषा) जानलेवा हमले में बाल-बाल बचने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब के रूपनगर जिले में कड़ी सुरक्षा के बीच तख्त केशगढ़ साहिब के बाहर ‘सेवादार’ के रूप में सेवा दी।
‘जेड प्लस’ सुरक्षा प्राप्त पूर्व उपमुख्यमंत्री बादल सुरक्षाकर्मियों के घेरे में आनंदपुर साहिब पहुंचे। वह ‘सेवादार’ की नीली वर्दी में एक हाथ में भाला लेकर गुरुद्वारे के प्रवेश द्वार पर सुबह नौ बजे से एक घंटे के लिए बैठे।
व्हीलचेयर पर बैठे शिअद नेता बादल (62) ने बाद में कीर्तन सुना तथा सामुदायिक रसोईघर में बर्तन भी धोये।
वह 2007-2017 के बीच पंजाब में शिअद सरकार और पार्टी द्वारा की गयी ‘गलतियों’ के लिए सिखों के सर्वोच्च धार्मिक निकाय अकाल तख्त द्वारा सुनायी गयी धार्मिक सजा का पालन कर रहे हैं।
अकाल तख्त ने उन्हें अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के अलावा तख्त केशगढ़, तख्त दमदमा साहिब तथा मुक्तसर के दरबार साहिब एवं फतेहगढ़ साहिब में दो-दो दिन के लिए ‘सेवादार’ के रूप सेवा करने का निर्देश दिया है।
स्वर्ण मंदिर में अपने प्रायश्चित के दूसरे दिन बुधवार को बादल तब बाल-बाल बच गए, जब पूर्व खालिस्तानी आतंकवादी नारायण सिंह चौरा ने उन पर नजदीक से गोली चलाई। बादल बच गए क्योंकि वहां सादे कपड़ों में मौजूद पुलिसकर्मियों ने हमलावर को पकड़ लिया, जिससे उसका निशाना चूक गया। गोली बादल के बजाय पीछे दीवार में लगी।
बृहस्पतिवार को पुलिस ने तख्त केशगढ साहिब में बादल के पहुंचने से पहले व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की थी।
रूपनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुलनीत सिंह खुराना ने कहा कि अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था की गयी है।
अधिकारियों ने बताया कि सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के कार्यबल के सदस्यों को भी तैनात किया गया है।
सुरक्षा उपायों के तहत गुरुद्वारे के बाहर ‘मेटल डिटेक्टर’ लगाये गये हैं।
शिअद नेता विक्रम सिंह मजीठिया, दलजीत सिंह चीमा, बलविंदर सिंह भुंदर, हीरा सिंह एवं अन्य भी गुरुद्वारे में मौजूद हैं। वे भी प्रायश्चित कर रहे हैं।
बादल की पत्नी एवं बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल, बेटे अनंतबीर सिंह बादल एवं बेटियों — हरकिरत कौर बादल एवं गुरलीन कौर बादल ने भी गुरुद्वारे में अरदास की। उन्होंने भी सामुदायिक रसोई घर में बर्तन धोये।