नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि द्वारका एक्सप्रेसवे पर बाधा-मुक्त टोल प्रणाली लागू करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं।
द्वारका एक्सप्रेसवे दिल्ली के द्वारका को हरियाणा के गुरुग्राम से जोड़ता है। इसकी दूरी लगभग 28 किलोमीटर है।
केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि द्वारका एक्सप्रेस पर बाधा-मुक्त टोल प्रणाली के कार्यान्वयन के परिणामों और उसकी दक्षता के आधार पर, इसे अन्य शुल्क प्लाजा पर लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘द्वारका एक्सप्रेसवे परियोजना पर बाधा-मुक्त टोल प्रणाली लागू करने के लिए प्रस्ताव संबंधी अनुरोध (आरएफपी) आमंत्रित किया गया है। इसे द्वारका एक्सप्रेसवे पर कार्यान्वयन के परिणामों और दक्षता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से अन्य शुल्क प्लाजा पर लागू करने की संभावना के साथ आमंत्रित किया गया है।’’
गडकरी ने कहा कि उम्मीद है कि बाधा-मुक्त शुल्क संग्रह प्रणाली का उपयोग कर भौतिक शुल्क प्लाजा चलाने की लागत को कम किया जा सकता है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने मौजूदा फास्टैग पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर वैश्विक नौवहन उपग्रह प्रणाली (जीएनएसएस) आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ईटीसी) प्रणाली लागू करने की योजना बनाई है। शुरू में एक ‘हाइब्रिड मॉडल’ का उपयोग किया जाएगा जहां रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) यानी रेडियो आवृति पहचान आधारित ईटीसी और जीएनएसएस आधारित ईटीसी दोनों एक साथ काम करेंगे।
टोल प्लाजा पर समर्पित जीएनएसएस लेन उपलब्ध होगी, जिससे जीनएसएस आधारित ईटीसी का उपयोग करने वाले वाहन बिना रुके गुजर सकेंगे। जैसे-जैसे जीएनएसएस आधारित ईटीसी व्यापक होता जाएगा, सभी लेन को अंततः जीएनएसएस लेन में बदल दिया जाएगा।