
भारत विश्व के सबसे बडे लोकतांत्रिक देश के रूप में प्रसिद्घ है। हमारी अपनी सरकार है, अपना संविधान है और अपने राष्टï्रीय प्रतीक है।
भारत के राष्टï्रीय प्रतीक है- राष्टï्र चिन्ह, राष्टï्र ध्वज, राष्टï्र गान। इसके अतिरिक्त और भी कई प्रतीक हैं- राष्टï्रीय पुष्प कमल तथा राष्टï्रीय पक्षी मोर। 31 जनवरी 1963 को मोर को राष्टï्रीय पक्षी के रूप में चुना गया। इसी प्रकार भारत के राष्टï्रीय पुष्प के रूप में कमल को चुना गया है। कमल का हमारी संस्कृति से अटूट संबंध है। भारत का राष्टï्रीय पंचाग शक संवत वाला पंचाग है। यह देश का सबसे प्राचीन पचांग है। शक संवत का प्रारंभ चैत्र मास से होता है। इस पंचांग में भी कुल मिलाकर 365 या 366 दिन एक वर्ष में होते है। यह पंचांग अंग्रेजी कैलेण्डर से 78 वर्ष आगे चलता है।
किसी भी स्वतंत्र देश के लिए उसके राष्टï्र चिन्ह का विशेष महत्व होता है। अनेक सरकारी आदेशों पर राष्टï्र चिन्ह का अंकन होता है। देश की मुद्रा नोटों, सिक्कों पर भी राष्टï्र चिन्ह अवश्य अंकित होता है। इसके अतिरिक्त सभी प्रमुख राष्टï्रीय इमारतों पर भी राष्टï्र चिन्ह लगाया जाता है।
आजादी मिलने के बाद जब 26 जनवरी 1950 को भारत एक पूर्ण गणतंत्र घोषित हुआ, तभी से यह राष्टï्र चिन्ह अपनाया गया। बनारस के पास स्थित सारनाथ के स्तंभ को सम्राट अशोक ने बनवाया था। इसी स्तंभ के शीर्ष पर चार शेरों की आकृतियां है, जिसे भारत सरकार ने राष्टï्र चिन्ह के रूप में चुना है। इसी वजह से कई बार इस चिन्ह को अशोक चिन्ह भी कह देते हैं। सिंह की आकृति के नीचे बीचों-बीच 24 तीलियों वाला धर्म चक्र अंकित होता है। इस चिन्ह के नीचे ध्येय वाक्य सत्यमेव जयते देवनागरी लिपि में लिखा हुआ है। इस चक्र में अंकित 24 तीलियों से दिन के 24 घंटों का भान होता है।
हमारा राष्टï्र गान है- जन गण मन अधिनायक जय है…। भारत के महान सपूत और नोबल पुरस्कार विजेता विश्व कवि गुरू रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इस गीत की रचना की थी। उन्होंने यह गीत जनवरी 1911 में लिखा था और फिर दिसम्बर 1911 को कलकत्ता में हुए कांग्रेस अधिवेशन में इसे पहली बार गाया गया था। यह गान इतना अधिक पसंद किया गया कि तुरंत इसे अपना लिया गया। बाद में जब देश गणतंत्र बना, तो 26 जनवरी 1950 को जन गण मन…को भारत का राष्टï्रगान घोषित कर दिया गया। राष्टï्रगान को गाने के कुछ विशेष नियम है। राष्टï्रगान सभी सरकारी समारोहों में पूरी शान व इज्जत के साथ गाया जाता है। राष्टï्रपति, प्रधानमंत्री व राज्यों के राज्यपालों द्वारा सलामी लेते वक्त भी इसे बजाया जाता है। राष्टï्र गान को इस गति से गाते है कि यह 48 से 52 सैंकेड के बीच समाप्त हो जाये। राष्टï्रगान के समय सदैव सावधान की मुद्राधारण करना राष्टï्रगान के प्रति सम्मान व उसके संदेश के प्रति प्रतिबद्घता का प्रतीक है।
भारत का राष्टï्रध्वज है तिरंगा झंडा। इस ध्वज में तीन रंग की पट्ïिटयां है। ऊपर की पटटी केसरिया रंग की है, बीच की सफेद रंग की व नीचे की गहरे हरे रंग की। भारतीय राष्टï्र ध्वज आकार में आयताकार है तथा इसकी लम्बाई व चौड़ाई का अनुपात तीन व दो का है। इस राष्टï्रध्वज की तीनों अलग-अलग रंग की पट्ïिटयोंं का अपना प्रतीकात्मक महत्व है।केसरिया रंग त्याग और वीरता का प्रतीक है, सफेद शांति का और सत्य का प्रतीक है एवं हरा रंग समृद्घि और संपन्नता का प्रतीक है।
भारत के राष्टï्रीय प्रतीक है- राष्टï्र चिन्ह, राष्टï्र ध्वज, राष्टï्र गान। इसके अतिरिक्त और भी कई प्रतीक हैं- राष्टï्रीय पुष्प कमल तथा राष्टï्रीय पक्षी मोर। 31 जनवरी 1963 को मोर को राष्टï्रीय पक्षी के रूप में चुना गया। इसी प्रकार भारत के राष्टï्रीय पुष्प के रूप में कमल को चुना गया है। कमल का हमारी संस्कृति से अटूट संबंध है। भारत का राष्टï्रीय पंचाग शक संवत वाला पंचाग है। यह देश का सबसे प्राचीन पचांग है। शक संवत का प्रारंभ चैत्र मास से होता है। इस पंचांग में भी कुल मिलाकर 365 या 366 दिन एक वर्ष में होते है। यह पंचांग अंग्रेजी कैलेण्डर से 78 वर्ष आगे चलता है।
किसी भी स्वतंत्र देश के लिए उसके राष्टï्र चिन्ह का विशेष महत्व होता है। अनेक सरकारी आदेशों पर राष्टï्र चिन्ह का अंकन होता है। देश की मुद्रा नोटों, सिक्कों पर भी राष्टï्र चिन्ह अवश्य अंकित होता है। इसके अतिरिक्त सभी प्रमुख राष्टï्रीय इमारतों पर भी राष्टï्र चिन्ह लगाया जाता है।
आजादी मिलने के बाद जब 26 जनवरी 1950 को भारत एक पूर्ण गणतंत्र घोषित हुआ, तभी से यह राष्टï्र चिन्ह अपनाया गया। बनारस के पास स्थित सारनाथ के स्तंभ को सम्राट अशोक ने बनवाया था। इसी स्तंभ के शीर्ष पर चार शेरों की आकृतियां है, जिसे भारत सरकार ने राष्टï्र चिन्ह के रूप में चुना है। इसी वजह से कई बार इस चिन्ह को अशोक चिन्ह भी कह देते हैं। सिंह की आकृति के नीचे बीचों-बीच 24 तीलियों वाला धर्म चक्र अंकित होता है। इस चिन्ह के नीचे ध्येय वाक्य सत्यमेव जयते देवनागरी लिपि में लिखा हुआ है। इस चक्र में अंकित 24 तीलियों से दिन के 24 घंटों का भान होता है।
हमारा राष्टï्र गान है- जन गण मन अधिनायक जय है…। भारत के महान सपूत और नोबल पुरस्कार विजेता विश्व कवि गुरू रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इस गीत की रचना की थी। उन्होंने यह गीत जनवरी 1911 में लिखा था और फिर दिसम्बर 1911 को कलकत्ता में हुए कांग्रेस अधिवेशन में इसे पहली बार गाया गया था। यह गान इतना अधिक पसंद किया गया कि तुरंत इसे अपना लिया गया। बाद में जब देश गणतंत्र बना, तो 26 जनवरी 1950 को जन गण मन…को भारत का राष्टï्रगान घोषित कर दिया गया। राष्टï्रगान को गाने के कुछ विशेष नियम है। राष्टï्रगान सभी सरकारी समारोहों में पूरी शान व इज्जत के साथ गाया जाता है। राष्टï्रपति, प्रधानमंत्री व राज्यों के राज्यपालों द्वारा सलामी लेते वक्त भी इसे बजाया जाता है। राष्टï्र गान को इस गति से गाते है कि यह 48 से 52 सैंकेड के बीच समाप्त हो जाये। राष्टï्रगान के समय सदैव सावधान की मुद्राधारण करना राष्टï्रगान के प्रति सम्मान व उसके संदेश के प्रति प्रतिबद्घता का प्रतीक है।
भारत का राष्टï्रध्वज है तिरंगा झंडा। इस ध्वज में तीन रंग की पट्ïिटयां है। ऊपर की पटटी केसरिया रंग की है, बीच की सफेद रंग की व नीचे की गहरे हरे रंग की। भारतीय राष्टï्र ध्वज आकार में आयताकार है तथा इसकी लम्बाई व चौड़ाई का अनुपात तीन व दो का है। इस राष्टï्रध्वज की तीनों अलग-अलग रंग की पट्ïिटयोंं का अपना प्रतीकात्मक महत्व है।केसरिया रंग त्याग और वीरता का प्रतीक है, सफेद शांति का और सत्य का प्रतीक है एवं हरा रंग समृद्घि और संपन्नता का प्रतीक है।