भारत-फ्रांस अब परस्पर मजबूत आर्थिक समझौता करने पर विचार कर रहे हैं: सोफी प्राइमस
Focus News 1 December 2024नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) फ्रांस की विदेश व्यापार मंत्री सोफी प्राइमस ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में घनिष्ठ साझेदारी के बाद भारत और फ्रांस अब विशेष रूप से स्वच्छ ऊर्जा, नई प्रौद्योगिकियों और विमानन जैसे क्षेत्रों में आर्थिक और व्यापार संबंधों को पर्याप्त रूप से मजबूत करने पर विचार कर रहे हैं।
भारत की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के अंत में प्राइमस ने कहा कि फ्रांस ‘पारस्परिक रूप से लाभकारी’ मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए नई दिल्ली और यूरोपीय संघ के बीच आगे की बातचीत की उम्मीद कर रहा है जो दो-तरफा आर्थिक संबंध का विस्तार कर सकता है।
भारत और यूरोपीय संघ ने आठ साल से अधिक के अंतराल के बाद जून 2022 में महत्वाकांक्षी व्यापार समझौते के लिए बातचीत फिर से शुरू की, लेकिन कार्बन कर पर 27 देशों वाले यूरोपीय संघ के रुख सहित कई अन्य कारणों से बातचीत लंबी खिंच गई।
प्राइमस ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं यह भी जोड़ना चाहूंगी कि यूरोपीय संघ के स्तर पर, हम यूरोपीय संघ और भारत के बीच एक व्यापार समझौते तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो पारस्परिक रूप से लाभप्रद है और जिसके महत्वाकांक्षी सतत विकास लक्ष्य हैं। हम यूरोपीय संघ के स्तर पर भारत के साथ आगे की बातचीत की उम्मीद कर रहे हैं।’’
भारत-फ्रांस व्यापार संबंधों पर फ्रांसीसी मंत्री ने कहा कि अब ध्यान आर्थिक जुड़ाव के विस्तार पर है क्योंकि दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक क्षेत्र में पहले से ही एक मजबूत साझेदारी है।
फ्रांसीसी विदेश व्यापार मंत्री ने 27 से 29 नवंबर तक भारत का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच अधिक निवेश प्रवाह को प्रोत्साहित करने के तरीकों सहित कई मुद्दों पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ बातचीत की।
उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा, ‘‘भारत एक तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है और भारत में फ्रांसीसी निवेश के लिए व्यापक अवसर हैं। हम वैमानिकी, सतत विकास और उभरती प्रौद्योगिकियों में बड़ी संभावनाएं देखते हैं।’’
पिछले कुछ वर्षों में दोनों पक्षों के बीच व्यापार संबंध बढ़े हैं, लेकिन दोनों पक्षों का मानना है कि इसे अभी और बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं।
द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने पर प्राइमस ने कुछ मुद्दों की तरफ संकेत किया लेकिन उनके बारे में विस्तार से नहीं बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘अब भी ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर हमें ध्यान देना चाहिए ताकि उस चीज का समर्थन किया जा सके जिसे मैं अब तक दोहन से रहित व्यावसायिक क्षमता मानती हूं।’’
फ्रांसीसी मंत्री ने भारतीय निवेशकों से फ्रांस-भारत 2047 साझेदारी का लाभ उठाने का भी आह्वान किया, जिसका पिछले साल जुलाई में अनावरण किया गया था।
वित्तीय वर्ष 2022-23 को समाप्त होने वाले पिछले पांच वर्षों में भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय व्यापार 11-13 अरब अमेरिकी डॉलर के दायरे में स्थिर रहा है।
फ्रांस भारत के लिए एफडीआई का एक प्रमुख स्रोत बनकर उभरा है, भारत में पहले से ही 1,000 से अधिक फ्रांसीसी प्रतिष्ठान मौजूद हैं। अप्रैल, 2000 से दिसंबर, 2023 तक 10.84 अरब अमेरिकी डॉलर के संचयी निवेश के साथ फ्रांस भारत में 11वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है।
निवेश से संबंधित मुद्दों को निपटाने के लिए ‘फास्ट-ट्रैक’ तंत्र के बारे में पूछे जाने पर प्राइमस ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हां, प्रतिभा में निवेश हमारी रणनीति की आधारशिला रही है और फास्ट-ट्रैक तंत्र इसका एक बड़ा हिस्सा है। हमने यह सुनिश्चित करने के लिए इंटर्नशिप, व्यावसायिक प्रशिक्षण और विश्वविद्यालय स्तर पर सुधारों में पर्याप्त निवेश किया है ताकि शैक्षिक परिणाम उद्योग जगत की उभरती जरूरतों के अनुरूप हों।’’
उन्होंने कहा कि फ्रांस की गणित और विज्ञान की शिक्षा में उत्कृष्टता की परंपरा विश्व स्तरीय प्रतिभा पैदा करती है, खासकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और क्वांटम विज्ञान में।
मंत्री ने कहा, ‘‘शीर्ष अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञता को आकर्षित करने के लिए फ्रांस प्रतिस्पर्धी निपटान विकल्प प्रदान करता है, जिसमें बहु-वर्षीय निवास परमिट (टैलेंट पासपोर्ट) और फ्रांस आने के लिए एक फास्ट-ट्रैक प्रक्रिया (फ्रेंच टेक वीजा) शामिल है।’’
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईईसी) परियोजना के बारे में पूछे जाने पर प्राइमस ने कहा कि यह रणनीतिक आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करेगा और पेरिस इसे क्षेत्रीय एकीकरण, शांति और स्थिरता के स्रोत के रूप में देखता है।
एक क्रांतिकारी पहल के रूप में प्रस्तुत आईएमईईसी एशिया, मध्य पूर्व और पश्चिम के बीच एकीकरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सऊदी अरब, भारत, अमेरिका और यूरोप के बीच एक विशाल सड़क, रेलमार्ग और शिपिंग नेटवर्क की परिकल्पना करता है।
आईएमईईसी के भागीदार देशों में समग्र आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए एक बिजली केबल नेटवर्क, एक हाइड्रोजन पाइपलाइन, हाई-स्पीड डेटा केबल नेटवर्क को शामिल करने की भी परिकल्पना की गई है।