राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाएं: उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रविचंद्रन

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नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार टी.वी. रविचंद्रन ने राष्ट्रीय सुरक्षा और साइबर सुरक्षा से जुड़ी जटिल चुनौतियों से निपटने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के महत्व पर प्रकाश डाला।

यहां राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) द्वारा बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में अपने मुख्य भाषण में उन्होंने यह बात कही।

भारत राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा अभ्यास (इंडिया एनसीएक्स) 2024 के महत्वपूर्ण घटक भारत सीआईएसओ कॉन्क्लेव और भारत साइबर सुरक्षा स्टार्टअप एक्सपो का बुधवार को उद्घाटन किया गया।

एनएससीएस ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) के सहयोग से राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) द्वारा आयोजित, इन ऐतिहासिक कार्यक्रमों का उद्देश्य साइबर सुरक्षा के प्रति लचीलेपन को बढ़ाना, नवाचार को बढ़ावा देना और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है।

तमिलनाडु कैडर के 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी रविचंद्र ने मुख्य भाषण दिया।

बयान में कहा गया कि राष्ट्रीय की सुरक्षा और जटिल साइबर सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के महत्व पर प्रकाश डाला।

इस कार्यक्रम में मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (सीआईएसओ), मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी (सीटीओ), मुख्य जोखिम अधिकारी (सीआरओ) और सरकारी निकायों, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्रों और निजी उद्यमों के अन्य प्रभावशाली नेताओं सहित शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

इस सम्मेलन का उद्देश्य ज्ञान का आदान-प्रदान, रणनीतिक संवाद और देश के साइबर सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए अत्याधुनिक समाधान तलाशना है।

अपने उद्घाटन भाषण में, लेफ्टिनेंट जनरल एम.यू. नायर, पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम (सेवानिवृत्त) राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक ने बढ़ते साइबर खतरों का मुकाबला करने के लिए सक्रिय उपायों और बहु-क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।

सीआईएसओ कॉन्क्लेव में ‘राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा संदर्भ फ्रेमवर्क’ (एनसीआरएफ) और राष्ट्रीय साइबर रेंज 1.0 (एनसीआर-1.0) की शुरुआत की गई।

बयान में कहा गया कि भारत साइबर सुरक्षा स्टार्टअप प्रदर्शनी में भारत के प्रमुख स्टार्टअप्स के नवीन समाधानों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें खतरे की खुफिया जानकारी, परिचालन प्रौद्योगिकी (ओटी) सुरक्षा और उन्नत विश्लेषण जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया, तथा साइबर सुरक्षा में देश की उद्यमशीलता क्षमता पर प्रकाश डाला गया।

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