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जयपुर, 27 नवंबर (भाषा) मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार की ‘गद्दी’ संभालने के बाद उठे विवाद के बीच विश्वराज सिंह मेवाड़ ने बुधवार को नाथद्वारा रोड स्थित श्री एकलिंगनाथजी मंदिर पहुंचे।

विश्वराज ने भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में दर्शन किए और अपने पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ की 10 नवंबर को हुई मौत से शुरू ‘शोक को भंग’ करने की रस्म पूरी की।

इस अवसर पर मंदिर में अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यात्रा बिना किसी परेशानी के पूरी हो।

वहीं उदयपुर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सिटी पैलेस के आसपास के क्षेत्रों में भारतीय न्यास संहिता की धारा 163 (पूर्व में सीआरपीसी की 144) के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।

विश्वराज को सिटी पैलेस में पवित्र अग्नि स्थल ‘धूणी’ के दर्शन की अनुमति देने के लिए बातचीत जारी है। पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने बताया कि मामले को सुलझाने के लिए कुछ वरिष्ठ अधिकारी उदयपुर पहुंचे हैं।

उल्लेखनीय है कि विश्वराज ने सोमवार को चित्तौड़गढ़ में एक कार्यक्रम में पूर्व मेवाड़ राजपरिवार के प्रमुख के रूप में ‘गद्दी’ संभाली। इसके बाद उनकी उदयपुर के सिटी पैलेस में धूणी और फिर एकलिंगनाथ जी मंदिर जाने की योजना थी।

हालांकि, उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने अपने वकील के माध्यम से सोमवार को समाचार पत्रों में दो सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित करवाए, जिसमें सिटी पैलेस और एकलिंगनाथ जी मंदिर में अनाधिकृत प्रवेश पर रोक लगाई गई।

नोटिस में कहा गया है कि श्री एकलिंगजी ट्रस्ट उदयपुर ने 25 नवंबर को केवल ट्रस्ट द्वारा अधिकृत लोगों को ही मंदिर में प्रवेश देने का निर्णय किया है। महेंद्र सिंह मेवाड़ के छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध ट्रस्टी हैं। सिटी पैलेस भी उनके अधीन है।

नोटिस छपने के बाद पैलेस के प्रवेश द्वार पर पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए। विश्वराज सिंह को जब प्रवेश नहीं दिया गया तो हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया जिसके बाद जिला प्रशासन ने सिटी पैलेस के ‘धूणी’ वाले विवादित हिस्से के लिए रिसीवर नियुक्त कर दिया।

इसके बाद विश्वराज सिंह बिना अनुष्ठान किए ही अपने आवास पर लौट गए। विश्वराज और अरविंद सिंह मेवाड़ के परिवार के बीच गतिरोध कल भी जारी रहा, जिसमें विश्वराज और अरविंद सिंह के बेटे लक्ष्यराज सिंह ने बिना नाम लिए एक-दूसरे पर निशाना साधा। लक्ष्यराज सिंह ने कल रात मीडिया से कहा कि अनुष्ठान के नाम पर लोगों की जान जोखिम में डालना सही नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी पदों पर बैठे कुछ लोग अपने निहित स्वार्थ के लिए प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं और जबरन उनके घर में घुसने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने सुझाव दिया कि अगर कोई प्रवेश चाहता है तो उसे अदालत जाना चाहिए। हालांकि लक्ष्यराज ने कहा कि एकलिंगनाथ जी मंदिर आम लोगों के लिए खुला है और कोई भी वहां जा सकता है।

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