पर्थ,यशस्वी जायवाल ने ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर पहली बार खेलते हुए शतक जड़ा जिससे भारत ने रविवार को यहां पहले क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन लंच तक दूसरी पारी में एक विकेट पर 275 रन बनाकर मेजबान टीम के खिलाफ अपनी कुल बढ़त 321 रन कर दी।
भारत ने तीसरे दिन सुबह के सत्र में एकमात्र विकेट लोकेश राहुल (77) के रूप में गंवाया।
ठीक 32 साल पहले 17 साल के सचिन तेंदुलकर ने वाका की टूटती पिच पर अंतिम दो दिन बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़कर दुनिया का ध्यान खींचा था। इसके बाद तेंदुलकर ने क्रिकेट के मैदान पर जो किया वह इतिहास के पन्नों में दर्ज है।
जायसवाल (नाबाद 141, 264 गेंद) ने अब दुनिया को दिखा दिया है कि भारत का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। वह अपनी पारी में अब तक 12 चौके और तीन छक्के मार चुके हैं। दूसरे छोर पर देवदत्त पडिक्कल 25 रन बनाकर उनका साथ निभा रहे हैं।
सुनील गावस्कर और तेंदुलकर की तरह मुंबई के रहने वाले जायसवाल ने भी रनों को लेकर अपनी भूख और बड़ी पारियां खेलने की अपनी क्षमता दिखा दी है।
जायवाल ने जोश हेजलवुड की बाउंसर को विकेटकीपर के ऊपर से छह रन के लिए भेजकर अपना चौथा टेस्ट शतक पूरा किया जो एसईएनए (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) देशों में उनका पहला शतक है।
इस छक्के के साथ जायसवाल और राहुल की सलामी जोड़ी ने भारत की ओर से 191 रन की पिछली सर्वश्रेष्ठ साझेदारी को पीछे छोड़ा जो 1986 में सुनील गावस्कर और कृष्णामचारी श्रीकांत ने बनाई थी।
दूसरे दिन रक्षात्मक होकर खेलने वाले राहुल ने 60 ओवर से अधिक पुरानी गेंद के खिलाफ तेज रन बनाने की कोशिश की। उन्होंने मिशेल स्टार्क की गेंदों पर कुछ रन जुटाए लेकिन शतक से चूक गए।
ऑस्ट्रेलिया में 200 रन की साझेदारी पूरी करने वाली पहली भारतीय सलामी जोड़ी बनने के बाद राहुल ने स्टार्क की कोण लेती गेंद पर विकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमाया।
पडिक्कल ने भी दूसरी नई गेंद लिए जाने से पहले कुछ अच्छे शॉट लगाए।
दूसरे छोर पर जायवाल ने नाथन लियोन और स्टार्क पर चौके मारे।
जायसवाल और पडिक्कल दूसरे विकेट के लिए 74 रन जोड़ चुके हैं।