नयी दिल्ली, केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर रविवार को राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात करेगी। यह बैठक सदन का सुचारू संचालन सुनश्चित करने के लिए महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और झारखंड में इसके प्रतिद्वंद्वी गठबंधन की जीत की पृष्ठभूमि में होगी।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा बुलाई गई इस बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक), शिवसेना, बीजू जनता दल (बीजद) और अन्य दलों के नेताओं के शामिल होने की संभावना है।
शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के लिए वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 विधेयक सूचीबद्ध किए गए हैं जबकि विपक्ष मणिपुर में जारी जातीय हिंसा और रिश्वतखोरी के आरोप में व्यवसायी गौतम अदाणी के खिलाफ अमेरिकी अदालत के अभियोग के मुद्दे को उठाना चाहता है।
विपक्ष के कई नेताओं ने कहा है कि वे अदाणी पर लगे आरोपों का मुद्दा संसद में उठाएंगे तथा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराए जाने की मांग की है।
बैठक में संविधान को अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर 26 नवंबर को संविधान सदन (पुराने संसद भवन) के ‘केंद्रीय कक्ष’ में आयोजित होने वाले कार्यक्रम पर भी चर्चा होने की संभावना है।
लंबित विधेयकों में वक्फ (संशोधन) विधेयक भी शामिल है जिसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति द्वारा लोकसभा में अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। समिति को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।
समिति के विपक्षी सदस्य समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समयसीमा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि समिति के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद जगदंबिका पाल समिति की बैठकों में बाधा डाल रहे हैं और उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
वर्ष 2024-25 के लिए ‘अनुदानों की अनुपूरक मांगों के प्रथम बैच’ पर प्रस्तुति, चर्चा और मतदान को भी सूचीबद्ध किया गया है।
सरकार द्वारा सूचीबद्ध अन्य विधेयक पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक है। इसके अलावा, तटीय नौवहन विधेयक और भारतीय बंदरगाह विधेयक को भी पेश और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक सहित आठ विधेयक लोकसभा में लंबित हैं और दो अन्य विधेयक राज्यसभा में लंबित हैं।