ब्राजील के रियो-द-जनेरियो में हाल ही में हुई G20 देशों की दो दिवसीय सालाना शिखर बैठक में भुखमरी के खिलाफ एकजुटता सबसे महत्वपूर्ण पहलू रहा। महत्वपूर्ण है कि मेजबान ब्राजील की ओर से शुरू किए गए ‘भुखमरी और गरीबी के खिलाफ एकजुटता’ अभियान की पुरजोर वकालत करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे नई दिल्ली शिखर बैठक में फूड सिक्यॉरिटी के लिए अपनाए गए सिद्धांतों पर अमल का प्रयास बताया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि ‘पिछले 10 सालों में हमने 250 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। 800 मिलियन से ज्यादा लोगों को मुफ्त में खाद्यान्न दिया जा रहा है और 550 मिलियन लोग आज दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि अब 70 साल से ज्यादा उम्र के 60 मिलियन वरिष्ठ नागरिक भी मुफ्त स्वास्थ्य बीमा का लाभ उठा सकेंगे।
आज दुनिया में युद्धों के कारण खाद्य, तेल और उर्वरक संकटों का सबसे ज्यादा असर ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ा है, और इस संदर्भ में भारत ने वैश्विक मंच पर ग्लोबल साउथ की आवाज सबसे प्रभावी अंदाज में उठाई है। इतना ही नहीं, ग्लोबल गर्वनेंस, क्लाइमेट चेंज, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, वित्तीय स्थिरता, द्विपक्षीय मुद्दों पर भी व्यापक चर्चाएं हुईं हैं। साथ ही, पीएम मोदी ने ‘एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य’ को पहले जितना ही प्रासंगिक बताया है। भारत ने ग्लोबल साउथ की विभिन्न चुनौतियों और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखने की भी बात कही है।
कहना ग़लत नहीं होगा कि भारत ने सतत विकास लक्ष्यों के साथ ही समावेशी विकास, महिला नेतृत्व वाले विकास और युवा शक्ति पर अपना ध्यान केंद्रित किया है और वैश्विक दक्षिण की आशाओं और आकांक्षाओं को पंख दिए हैं। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि भारत आज जी-20 देशों के लिए एक नया ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है।