प्रधानमंत्री मोदी ने शीर्ष कैरेबियाई नेताओं से मुलाकात में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की

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जॉर्जटाउन (गुयाना), 21 नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन से इतर कैरेबियाई देशों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने तथा ‘ग्लोबल साउथ’ को मजबूत करने के लिए कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है, जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित अथवा अविकसित के रूप में जाना जाता है और ये मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं।

प्रधानमंत्री बुधवार को गुयाना पहुंचे। यह पिछले 50 वर्षों से अधिक समय में किसी भारतीय राष्ट्र प्रमुख की पहली गुयाना यात्रा है। उन्होंने भारत-कैरेबियाई समुदाय (कैरिकॉम) शिखर सम्मेलन से इतर कैरेबियाई साझेदार देशों के नेताओं से मुलाकात की।

दूसरे कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के अवसर पर मोदी ने राष्ट्रपति चान संतोखी (सूरीनाम) और राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली (गुयाना) तथा अपने छह समकक्षों फिलिप जे. पियरे (सेंट लूसिया), गैस्टन ब्राउन (एंटीगुआ और बारबुडा), डिकॉन मिशेल (ग्रेनाडा), फिलिप ब्रेव डेविस (बहामास), मिया अमोर मोटली (बारबाडोस) और डॉ. कीथ रोले (त्रिनिदाद और टोबैगो) से मुलाकात की।

मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली के साथ बहुत अच्छी बैठक हुई। राष्ट्रपति का स्वयं भारत के साथ प्रगाढ़ संबंध है।’’

दोनों नेताओं ने कौशल विकास, क्षमता निर्माण, कृषि, फार्मास्यूटिकल, शिक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय विकास सहयोग की समीक्षा की।

मोदी ने कहा, ‘‘भारत बुनियादी ढांचे, जहाजरानी, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में गुयाना के लिए हमेशा एक विश्वसनीय साझेदार रहेगा।’’

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए), आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (सीडीआरआई) और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (जीबीए) जैसी पहल के लिए कैरेबियाई राष्ट्र के समर्थन को ‘‘उल्लेखनीय’’ बताया।

सूरीनाम के राष्ट्रपति संतोखी के साथ अपनी बैठक के दौरान, मोदी ने व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और टेली-मेडिसिन जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की।

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सूरीनाम के साथ दोस्ती मजबूत हो रही है। हमने सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंधों को और बेहतर बनाने के तरीकों पर भी चर्चा की।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत सूरीनाम में विकास संबंधी विभिन्न पहल का समर्थन करता रहेगा।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने रक्षा एवं सुरक्षा, व्यापार एवं वाणिज्य, कृषि, यूपीआई, आईसीटी, स्वास्थ्य सेवा, पारंपरिक चिकित्सा और फार्मास्यूटिकल, क्षमता निर्माण, मानव संसाधन विकास, सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच जुड़ाव के साथ डिजिटल पहल सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने पर सहमति जताई।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि त्रिनिदाद एवं टोबैगो के अपने समकक्ष कीथ रोले के साथ उनकी बैठक ‘बहुत सार्थक’ रही और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में विविधता लाने के बारे में चर्चा की।

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘विज्ञान, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा और कृषि जैसे क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। यह बेहद खुशी की बात है कि त्रिनिदाद और टोबैगो ने यूपीआई को अपनाया है। कृषि और खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी एक स्वागत योग्य कदम है।’’

विदेश मंत्रालय ने एक अलग पोस्ट में कहा कि दोनों नेताओं की उपस्थिति में त्रिनिदाद और टोबैगो में एकीकृत स्वचालित फल एवं सब्जी प्राथमिक प्रसंस्करण गतिविधियां स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान भी हुआ।

मोदी की बारबाडोस की प्रधानमंत्री मोटली के साथ भी “बहुत अच्छी बैठक” हुई। इस दौरान, दोनों नेताओं ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, जलवायु परिवर्तन और कृषि जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की।

विदेश मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इस उच्च स्तरीय बैठक ने दोनों नेताओं को भारत-बारबाडोस संबंधों की पुष्टि करने और उन्हें मजबूत करने का अवसर प्रदान किया। साथ ही दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य और फार्मास्यूटिकल तथा संयुक्त राष्ट्र में सहयोग सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा की।’’

मोटली ने कहा कि बैठक में संस्थागत सुधार, आर्थिक सहयोग और ‘ग्लोबल साउथ’ के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘चर्चा में सुधारों के लिए राजनीतिक समर्थन, दवा उद्योग में संभावित सहयोग और एक कैरेबियाई बैंक की स्थापना का विचार शामिल था।’’

मोदी ने बहामास के प्रधानमंत्री फिलिप डेविस से भी मुलाकात की और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने, जलवायु परिवर्तन कार्रवाई एवं हरित साझेदारी पर केंद्रित ‘‘सार्थक’’ चर्चा की। विदेश मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।’’

मोदी और ग्रेनेडा के प्रधानमंत्री डिकॉन मिशेल के बीच ‘‘सार्थक बैठक’’ हुई, जिसमें दोनों ने आईटी, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कृषि में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की। मोदी ने दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन की मेजबानी में मिशेल के प्रयासों की भी सराहना की।

मोदी ने एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन के साथ भी बैठक की। ब्राउन के साथ अपनी बैठक के बारे में मोदी ने कहा, ‘‘व्यापार, फिनटेक, नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ावा मिलने की अपार संभावनाएं हैं।’’

मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आईएसए और सीडीआरआई को एंटीगुआ और बारबुडा के सहयोग के लिए भी ब्राउन को धन्यवाद दिया।

मोदी ने भारत और कैरेबियाई समुदाय के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए सात “प्रमुख स्तंभों” का प्रस्ताव रखा और कहा कि भारत इन संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ‘‘पूरी तरह प्रतिबद्ध’’ है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि मोदी और ब्राउन ने व्यापार एवं निवेश, एसआईडीएस के लिए क्षमता निर्माण और जलवायु परिवर्तन कार्रवाई के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। ब्राउन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन की घोषणा की।

प्रधानमंत्री ने शिखर सम्मेलन से इतर सेंट लूसिया के प्रधानमंत्री फिलिप जे पियरे से भी मुलाकात की और दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध बढ़ाने पर चर्चा की।

मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमने स्वास्थ्य सेवा, फार्मास्यूटिकल, ऊर्जा, खेल समेत अन्य क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ाने के बारे में भी बात की।’’

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने क्षमता निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, क्रिकेट और योग के क्षेत्र में सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया तथा भारत-सेंट लूसिया द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।’’

प्रधानमंत्री ने डोमिनिका के अपने समकक्ष रूजवेल्ट स्केरिट से भी मुलाकात की, जिन्हें उन्होंने देश का सर्वोच्च पुरस्कार प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने जलवायु अनुकूलन, स्वास्थ्य सेवा, क्षमता निर्माण और लोगों के बीच संबंधों को गहरा करने जैसे क्षेत्रों में सहयोग के अवसर तलाशे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में सहयोग पर भी चर्चा की।’’

भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री ने भारत और कैरेबियाई समुदाय के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए जिन सात प्रमुख स्तंभों का प्रस्ताव रखा, उनमें क्षमता निर्माण, कृषि और खाद्य सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन नवाचार, प्रौद्योगिकी और व्यापार, क्रिकेट और संस्कृति, महासागर अर्थव्यवस्था तथा चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा शामिल हैं।

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