कृषि के बाद कपड़ा आर्थिक आजीविका का प्रमुख स्रोत बन गया है: गिरिराज

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कोलकाता, 21 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कपड़ा क्षेत्र कृषि के बाद लोगों के लिए आय का एक अन्य प्रमुख स्रोत बन रहा है।

अगले साल फरवरी में नयी दिल्ली में आयोजित होने जा रहे वैश्विक वस्त्र प्रदर्शनी ‘भारत टेक्स 2025’ से पहले यहां एक रोड शो में सिंह ने कहा कि वर्तमान में देश में 4.6 करोड़ लोग इस क्षेत्र में कार्यरत हैं, जो 2014 से पहले के आंकड़े से काफी अधिक है। 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने केंद्र में सरकार बनाई थी।

कपड़ा मंत्री सिंह ने बुधवार रात कहा, ‘‘अनुमान के अनुसार, इस क्षेत्र से आजीविका कमाने वाले लोगों की संख्या 2030 तक छह करोड़ तक पहुंच जाएगी।’’

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य के लिए नवाचार को आधार बनाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘2014 से पहले कोई स्टार्ट-अप नहीं था, जबकि अब 1.5 लाख लोग स्टार्ट-अप उपक्रमों से जुड़े हैं।’’

सिंह ने कहा कि तकनीकी वस्त्र की नयी अवधारणा ने एक नया आयाम जोड़ा है और इससे चिकित्सा क्षेत्र को बहुत लाभ हुआ है, जिससे सैनिटरी नैपकिन और मास्क जैसे उत्पाद तैयार हुए हैं।

सिंह ने कहा, ‘‘भारत में वस्त्र उद्योग में बहुत विविधता है… जूट, प्राकृतिक फाइबर, शहतूत, टसर… वैश्विक बाजार में जो भी रेशम उपलब्ध है, उसका उत्पादन भारत में होता है।’’

उन्होंने कहा कि सरकार इस विविधता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि सरकार जूट क्षेत्र को पुनर्जीवित करेगी, जिसके लिए 12,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

कोलकाता को ‘वस्त्र उद्योग की जननी’ बताते हुए सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद कोलकाता और मुंबई, वस्त्र उद्योग में अग्रणी रहे हैं, हालांकि हाल के दशकों में कोलकाता ने वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में अपना पुराना गौरव खो दिया है।

मंत्री ने कहा कि भारत का कपड़ा उद्योग चीन से आगे निकल गया है और आगे बढ़ रहा है।

केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने कहा कि आगामी ‘भारत टेक्स 2025’ विश्व के साथ सांस्कृतिक सेतु का निर्माण करेगा।

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