बहुत संघर्ष के बाद यहां पहुंचा हूं: तेज सप्रू

90 के दौर पर बनी म्यूजिकल एक्शन ड्रामा फिल्म चट्टान के खूंखार डॉन मुन्ना भाई का किरदार निभा रहे 350 से भी ज्यादा फिल्मों में विलेनिश रोल्स और विविध किरदार निभाने वाले  अभिनेता तेज सप्रू से पिछले दिनों मुंबई के यारी रोड स्थित उनके बंगले पर संजीव कुमार आलोक की मुलाकात हुई। प्रस्तुत है मुलाकात के दौरान हुई बातचीत के मुख्य अंश-
आपका बतौर अभिनेता बरसों का करियर रहा है आपने खल और विविध पॉजिटिव रोल्स किये हैं आज आप अपने को कहाँ पाते हैं?  


41 साल के करियर में अपनी पोजीशन की क्या बात करूँ चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर मनोज कुमार की फिल्म ”शहीदÓÓ से शुरुआत की फिर मिथुन चक्रवर्ती के साथ दूसरे हीरो बना। सिनेमाटोग्राफर निर्देशक रवि नगाइच की फिल्म सुरक्षा में फिर ऑडियंस और इंडस्ट्री में अच्छा रेकोनाइजेशन मिला तो राजपूत, गिरफ्तार, इंसाफ की आवाज, तेजाब, त्रिदेव, गुप्त, मोहरा, सिर्फ तुम, साजन आदि फिल्मों में नोटेबल रोल्स किये। बहुत संघर्ष करने के बाद आज यहां तक पहुंचा हूं। आज सिल्वर स्क्रीन, स्माल स्क्रीन  और ओटीटी सभी मीडियम्स पर बा-इज्जत काम कर रहा हूँ। सभी के ब्राइट रिस्पांस मिल रहे हैं।


बदले मौसम में फिल्मों की मेकिंग और ऑडियंस की रुझान में भी फर्क आ गया है, आपने तो फिल्मों का गोल्डन पीरियड देखा है और इस समय भी एक्टिव हैं फिल्म अंचलों की करंट पोजीशन पर आप किस तरह रियेक्ट करते हैं?


हाँ टाइम फैक्टर तो हर लाइन में होता ही है। मैंने बहुत बढिय़ा काम किया है फिल्मों और टी.वी. में खूब अच्छे चैलेंजिंग मौके भी मिले। यह मैं बहुत पहले ही समझ गया था कि टी.वी. बड़ा होने वाला है इसलिए मैं सीरियसली इसकी तरफ मुड गया। सात फेरे, कुबूल है, सलोनी का सफर, यहाँ मैं घर घर खेली, जी हारर शोज, हर फूल  मोहिनी में काम किया। हाँ, 2019-20 में कोविड की वजह से फिल्म इंडस्ट्री में डायनेमिक चेंज आया जिसका थिएटर, फिल्म मेकिंग, डिस्ट्रीब्यूशन सभी पर बुरा इम्पैक्ट पड़ा, जिसकी मार सभी को सहनी पड़ी। मगर पिछले दो सालों में ओटीटी आया जिसकी वजह से प्रतिभा सम्पन्न गुमनामी में रहे कई कलाकारों को ब्रेक मिले, मुझे उम्मीद है पहले जैसा सब नार्मल हो जायेगा।


फिल्म ”चट्टानÓÓ में आप आप किस तरह का किरदार निभा रहे हैं?
फिल्म ”चट्टानÓÓ 90 के फ्लेवर वाली जांबाज पुलिस इंस्पेक्टर रंजीत सिंह और शासन की शह पर गैर कानूनी अनैतिक काले धंधे में लिप्त डॉन मुन्ना भाई के बीच सच्ची टसल पर आधारित एक्शन म्यूजिकल ड्रामा फिल्म है। यह फिल्म मेरे करियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि बरसों के कैरियरग्राफ में मुझे फुलफ्लैश विलेन मुन्ना भाई का किरदार करने का मौका मिला है, मेरे रोल में कई शेड्स हैं। इस कैरेक्टर को मैंने खुद के मैनेरिज्म पर प्ले किया है।


फिल्म ”चट्टान”ÓÓ कंटेंट बेस्ड एक्शन ड्रामा म्यूजिकल फिल्म है जबकि फिल्म, टीवी और ओटीटी पर डार्क सिनेमा का चलन हावी है ऐसे समय में रियल इन्सिडेंटल फिल्म बॉक्स ऑफिस पर रिस्की नहीं है?


बिलकुल नहीं फिल्में समाज का प्रतिनिधि है और सोसाइटी में जो घट रहा है लोग उसे ही पर्दे पर देखना चाहते हैं। हाल ही में रिलीज हुई फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी (जो कि सोशल फिल्म है) की सफलता इस बात का परिचायक है कि ऑडियंस फिर सोशल और पारिवारिक सिनेमा की तरफ लौटने लगी है। ”चट्टानÓÓ इस दृष्टि से कम्पलीट रियलिस्टिक सोशल फिल्म है इसके सभी पक्षों को बेहतर रखने की कोशिश पूरी टीम ने संजीदगी के साथ की है। निर्मात्री रजनिका गांगुली और मल्टी मीडिया निर्देशक सुदीप डी.मुखर्जी ने इसे बड़े अच्छे ढंग से पिरोया है।


आप हिंदी फिल्मों समेत 13 भाषाओं की फिल्मों में अलग अलग रोल्स कर रहे हैं। अलग अलग लेन्गुएज और विलेन को कैसे मैनेज कर पाते हैं?


जी हाँ, मैं भारत का एक मात्र अभिनेता हूँ जिसने हिंदी, अंग्रेजी,  पंजाबी, राजस्थानी, भोजपुरी, गुजराती, मराठी, हरियाणवी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में विलेनिश रोल्स किये हैं।