जलगांव (महाराष्ट्र), 13 नवंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि अगर महा विकास आघाडी (एमवीए) 20 नवंबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीत जाता है तो राज्य कांग्रेस के लिए ‘एटीएम’ बन जाएगा।
शाह ने जलगांव जिले के चालीसगांव में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘वे (एमवीए) राज्य के संसाधनों का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र से पैसा बटोरेंगे और पैसा दिल्ली भेज देंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वहीं, अगर भाजपा नीत महायुति सरकार बनती है तो मोदी प्रशासन महाराष्ट्र के लिए वृहद विकास सुनिश्चित करेगा।’’
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) झारखंड में सरकार बनाने जा रही है और महायुति सरकार महाराष्ट्र में सत्ता में आ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए कांग्रेस झूठे वादे करती है और लोगों को गुमराह करती है।’’
शाह ने कहा, ‘‘हाल में, राहुल गांधी को बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान की एक प्रति लहराते हुए देखा गया। उन्होंने संसद में शपथ लेते वक्त भी वही प्रति पकड़ी थी।’’
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘जब कुछ पत्रकारों को वह प्रति मिली तो उसके पन्ने खाली थे। संविधान की फर्जी प्रति दिखाकर राहुल ने लोगों का विश्वास तोड़ा और बाबासाहेब का अपमान किया। जाहिर है, राहुल बाबा आपने कभी भारतीय संविधान नहीं पढ़ा।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘सोनिया-मनमोहन सरकार’’ ने वोट बैंक की राजनीति के कारण 10 साल तक नक्सलवाद और आतंकवाद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
शाह ने कहा, ‘‘कांग्रेस की पूरी राजनीति धोखे के आधार पर चलती है। वे कह रहे हैं कि महायुति सरकार बनने के बाद महाराष्ट्र में निवेश कम हो गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनने के बाद हमारा महाराष्ट्र पूरे भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मामले में पहले नंबर पर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपका एक वोट न सिर्फ महाराष्ट्र में महायुति की सरकार बनाएगा बल्कि आपका एक वोट महाराष्ट्र की प्यारी बहनों के खाते में 2,100 रुपये भी जमा करेगा। आपके एक वोट से किसानों के खाते में सालाना 12 हजार की जगह 15 हजार रुपये जमा होंगे। आपका एक वोट भारत के भविष्य को मजबूत करेगा।’’
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी ‘पत्थर की लकीर’ की तरह है जबकि कांग्रेस तेलंगाना, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में चुनाव पूर्व किए वादों से मुकर गयी है।
वरिष्ठ नेता शरद पवार पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि पवार कई वर्षों तक मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे लेकिन मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने के लिए कुछ नहीं किया।