एमवीए की तुष्टिकरण की राजनीति राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर कर रही: शाह

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जलगांव,  केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने रविवार को कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन महाराष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने की कीमत पर तुष्टीकरण की राजनीति में लिप्त है।

शाह ने जलगांव के रावेर विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस दौरान उन्होंने उलेमा संघ द्वारा विपक्षी कांग्रेस को हाल ही में सौंपे गए एक ज्ञापन की ओर इशारा किया, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई है।

उन्होंने बताया कि मुस्लिम समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग से दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लाभ प्रभावित होंगे, क्योंकि कोटा पर 50 प्रतिशत की सीमा है और कोई भी वृद्धि मौजूदा आरक्षण की कीमत पर होगी।

शाह ने कहा, ‘‘महा विकास आघाडी के नेताओं की सत्ता की लालसा ने उन्हें हाशिए के समुदायों पर उनके कार्यों के दीर्घकालिक परिणामों के प्रति अंधा कर दिया है। भाजपा सभी समुदायों के कल्याण के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है, लेकिन मुसलमानों के लिए किसी भी प्रकार के आरक्षण के सख्त खिलाफ है। जब तक भाजपा का एक भी सांसद या विधायक यहां है, हम धर्म आधारित आरक्षण का विरोध करेंगे, यह हमारी प्रतिबद्धता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एमवीए के दलों ने अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के कारण देश की सुरक्षा से समझौता किया है। वे वोटों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर कर रहे हैं।’’

कांग्रेस और राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार की आलोचना करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने दशकों तक राम मंदिर के निर्माण का विरोध किया। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही इस मुद्दे का समाधान अयोध्या में एक भव्य मंदिर के निर्माण के साथ हुआ।

महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को होगा जबकि नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।