वडोदरा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज की गुजरात के वडोदरा शहर में सोमवार को हुई द्विपक्षीय बैठक के दौरान कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
ये समझौते भारत और स्पेन के बीच ढांचागत संरचना, रेल परिवहन और संस्कृति एवं पर्यटन गतिविधियों के प्रोत्साहन से संबंधित हैं।
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने कहा कि वडोदरा के प्रतिष्ठित लक्ष्मी विलास पैलेस में आयोजित द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन और पश्चिम एशिया की स्थिति पर भी चर्चा की।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यूक्रेन मसले पर दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को अपने रुख से अवगत कराया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत किसी भी संघर्ष को केवल बातचीत और कूटनीति से ही सुलझाने के पक्ष में है। यह युद्ध का समय नहीं है, इसे युद्ध के मैदान में हल नहीं किया जा सकता है।’’
लाल ने कहा कि द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भारत और स्पेन ने बुनियादी ढांचा और रेलवे के साथ संस्कृति एवं पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग के समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, शहरी और क्षेत्रीय रेलवे प्रणालियों के साथ लंबी दूरी के यात्री और माल नेटवर्क के बुनियादी ढांचे, स्टेशनों, रेलवे सुविधाओं और उपकरणों की योजना, डिजाइन, विकास, कमीशनिंग और परिचालन में सहयोग के लिए रेल परिवहन पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने वर्ष 2026 को ‘भारत-स्पेन संस्कृति, पर्यटन और एआई का वर्ष’ के रूप में मनाने पर सहमति जताई। इसके अलावा संगीत, नृत्य, रंगमंच, साहित्य, संग्रहालयों और त्योहारों में द्विपक्षीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम 2024-28 पर भी हस्ताक्षर किए गए।
बयान के मुताबिक, बैठक के दौरान सीमा शुल्क से संबंधित मामलों में सहयोग और आपसी सहायता के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इससे सीमा शुल्क अपराधों का पता लगाने, रोकथाम, जांच और मुकाबला करने के लिए सूचनाओं के आदान-प्रदान में सुविधा होगी।
स्पेन ने कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक वाणिज्य दूतावास खोलने की बात कही। बार्सिलोना में भारत का महावाणिज्य दूतावास इस साल अगस्त में ही चालू हो गया था।
लाल ने कहा कि स्पेन के प्रतिनिधिमंडल में दो मंत्री और वहां की प्रमुख कंपनियों के 15 शीर्ष अधिकारी शामिल थे।