प्रधानमंत्री स्वास्थ्य क्षेत्र में 12,850 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास करेंगे

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नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धन्वन्तरी जयंती और 9वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर मंगलवार को राजधानी स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में लगभग 12,850 करोड़ रुपये की स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य कवरेज के दायरे के विस्तार की शुरुआत भी करेंगे।

पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह निरंतर प्रयास रहा है कि पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएं।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए कई स्वास्थ्य संस्थानों का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

प्रधानमंत्री भारत के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के दूसरे चरण का उद्घाटन करेंगे। इसमें एक पंचकर्म अस्पताल, दवा निर्माण के लिए एक आयुर्वेदिक फार्मेसी, एक स्पोर्ट्स मेडिसिन यूनिट, एक केंद्रीय पुस्तकालय, एक आईटी और स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन सेंटर और 500 सीटों वाला ऑडिटोरियम शामिल है।

वह मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच और सिवनी में तीन मेडिकल कॉलेजों का भी उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा वह हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर, पश्चिम बंगाल के कल्याणी, बिहार के पटना, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, मध्य प्रदेश के भोपाल, असम के गुवाहाटी और नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में विभिन्न सुविधा और सेवा विस्तार का उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक और ओडिशा के बरगढ़ में एक क्रिटिकल केयर ब्लॉक का भी उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश के शिवपुरी, रतलाम, खंडवा, राजगढ़ और मंदसौर में पांच नर्सिंग कॉलेजों की आधारशिला भी रखेंगे।

आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के तहत हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, तमिलनाडु और राजस्थान में 21 क्रिटिकल केयर ब्लॉक, और नई दिल्ली और बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश में एम्स में कई सुविधाएं और सेवा विस्तार की भी शुरुआत करेंगे।

प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ईएसआईसी अस्पताल का भी उद्घाटन करेंगे और हरियाणा के फरीदाबाद, कर्नाटक के बोम्मासांद्रा और नरसापुर, मध्य प्रदेश के इंदौर, उत्तर प्रदेश के मेरठ और आंध्र प्रदेश के अच्युतकपुरम में ईएसआईसी अस्पतालों की आधारशिला रखेंगे।

पीएमओ ने कहा कि इन परियोजनाओं से लगभग 55 लाख ईएसआई लाभार्थियों को स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।

बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री सभी क्षेत्रों में सेवा बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग का विस्तार करने के प्रबल समर्थक रहे हैं।

पीएमओ ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ बनाने और सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी के एक अभिनव उपयोग में, प्रधानमंत्री 11 तृतीयक स्वास्थ्य संस्थानों में ड्रोन सेवाओं की शुरुआत करेंगे।

इनमें उत्तराखंड के एम्स ऋषिकेश, तेलंगाना के एम्स बीबीनगर, असम के एम्स गुवाहाटी, मध्य प्रदेश के एम्स भोपाल, राजस्थान के एम्स जोधपुर, बिहार के एम्स पटना, हिमाचल प्रदेश के एम्स बिलासपुर, उत्तर प्रदेश के रायबरेली स्थित एम्स रायपुर, आंध्र प्रदेश के एम्स मंगलगिरि और मणिपुर के रिम्स इंफाल शामिल हैं।

प्रधानमंत्री एम्स ऋषिकेश से हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की भी शुरुआत करेंगे, जो त्वरित चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में मदद करेगा।

प्रधानमंत्री यू-विन पोर्टल की भी शुरुआत करेंगे। यह टीकाकरण प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाकर गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को लाभ पहुंचाएगा। यह गर्भवती महिलाओं और बच्चों (जन्म से 16 वर्ष तक) को 12 वैक्सीन-रोकथाम योग्य बीमारियों के खिलाफ जीवन रक्षक टीकों का समय पर प्रशासन सुनिश्चित करेगा।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री सहयोगी और स्वास्थ्य पेशेवरों और संस्थानों के लिए एक पोर्टल भी लॉन्च करेंगे। यह मौजूदा स्वास्थ्य पेशेवरों और संस्थानों के केंद्रीकृत डेटाबेस के रूप में कार्य करेगा।

प्रधानमंत्री देश में स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार के लिए अनुसंधान एवं विकास और परीक्षण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई पहल भी शुरू करेंगे। प्रधानमंत्री ओडिशा के भुवनेश्वर के गोथपटना में एक केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन करेंगे।

वह छत्तीसगढ़ के रायपुर और ओडिशा के खोरधा में योग और प्राकृतिक चिकित्सा में दो केंद्रीय अनुसंधान संस्थानों की आधारशिला रखेंगे। वह चिकित्सा उपकरणों के लिए गुजरात के एनआईपीईआर अहमदाबाद में, बल्क ड्रग्स के लिए तेलंगाना में एनआईपीईआर हैदराबाद, फाइटोफार्मास्युटिकल्स के लिए असम में एनआईपीईआर गुवाहाटी और पंजाब में एनआईपीईआर मोहाली में एंटी-बैक्टीरियल एंटी-वायरल दवा खोज और विकास के लिए चार उत्कृष्टता केंद्रों की आधारशिला भी रखेंगे।

प्रधानमंत्री चार आयुष उत्कृष्टता केंद्रों की शुरुआत करेंगे, जिनमें भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु में मधुमेह और चयापचय संबंधी विकारों के लिए उत्कृष्टता केंद्र, आईआईटी दिल्ली में उन्नत तकनीकी समाधान, स्टार्ट-अप समर्थन और रसऔषधि के लिए शुद्ध शून्य स्थायी समाधान के लिए टिकाऊ आयुष में उत्कृष्टता केंद्र, केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में आयुर्वेद में मौलिक और अनुवाद संबंधी अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र और नई दिल्ली के जेएनयू में आयुर्वेद और सिस्टम मेडिसिन पर उत्कृष्टता केंद्र शामिल हैं।

स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री गुजरात के वापी, तेलंगाना के हैदराबाद, कर्नाटक के बेंगलुरू, आंध्र प्रदेश के काकीनाडा और हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में चिकित्सा उपकरणों और थोक दवाओं के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआई) यानी प्रोत्साहन संबंधी योजना के तहत पांच परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।

ये इकाइयां महत्वपूर्ण थोक दवाओं के साथ-साथ शरीर प्रत्यारोपण और महत्वपूर्ण देखभाल उपकरण जैसे उच्च अंत चिकित्सा उपकरणों का निर्माण करेंगी।

प्रधानमंत्री इस अवसर पर एक राष्ट्रव्यापी अभियान ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ भी शुरू करेंगे, जिसका उद्देश्य नागरिकों के बीच स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना है।

वह प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राज्य विशिष्ट कार्य योजना भी शुरू करेंगे।

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