भारत में ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों के परिसर की स्थापना सिर्फ शुरुआत: प्रधान

0

नयी दिल्ली,  केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि भारत में ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय के कई परिसर की स्थापना सिर्फ शुरुआत है और दोनों देश अब ज्ञान में संवर्धन कर सकते हैं और छात्रों के लिए नवाचार और उद्यमिता के अनंत अवसर पैदा कर सकते हैं।

प्रधान का यह बयान मेलबर्न में ऑस्ट्रेलियाई अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन के दौरान आया। मंत्री ने कहा, “भारत में ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय के कई परिसर की स्थापना केवल शुरुआत है और इसमें बहुत कुछ हासिल करने की संभावनाएं हैं। दोनों देश मिलकर ज्ञान में संवर्धन कर सकते हैं,वैश्विक चुनौतियों से निपटने में प्रौद्योगिकी का लाभ उठा सकते हैं तथा छात्रों के लिए नवाचार और उद्यमिता के अनंत अवसरों का सृजन कर सकते हैं।”

मंत्री ने कहा कि ‘विश्व-बंधु’ के रूप में भारत मानव-केंद्रित विकास में एक विश्वसनीय भागीदार बनने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य वैश्विक नागरिकों का निर्माण और पोषण करना है जो अगली पीढ़ी के लिए एक उज्ज्वल भविष्य में योगदान दे सकें।

प्रधान ने ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की।

क्लेयर ने अपने भाषण में एक बेहतर शिक्षा प्रणाली के महत्व पर जोर दिया जो सिर्फ जीवन ही नहीं बदल सकती, बल्कि राष्ट्रों को भी बदल सकती है।

भारत की शिक्षा प्रणालियों की सराहना करते हुए क्लेयर ने कहा कि 2035 तक दुनिया भर में विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त करने वाले चार में से एक व्यक्ति को डिग्री भारत से मिलेगी।

दोनों मंत्रियों ने प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल, शिक्षकों की क्षमता निर्माण तथा ‘स्कूल ट्विनिंग’ पहल की संभावनाओं में भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा की।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “ भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच मजबूत संस्थागत संबंधों के आधार पर, वे (दोनों मंत्री) महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमत हुए। उन्होंने भारत में ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों के परिसर की स्थापना की संभावना भी तलाशी।”

प्रधान ने साउथ मेलबर्न प्राइमरी स्कूल का भी दौरा किया और युवा विद्यार्थियों से बातचीत की। उन्होंने प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा के लिए स्कूल के अभिनव दृष्टिकोण पर भी ध्यान दिया।

प्रधान ने मोनाश विश्वविद्यालय का भी दौरा किया, जहां 1960 के दशक से भारतीय छात्र पढ़ने जाते हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *