गुरुग्राम, 22 अक्टूबर (भाषा) ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी गोल्फ खिलाडी दीक्षा डागर ने कहा कि वह अपने खेल के शीर्ष पर पहुंचने के लिए ताइक्वांडो और कराटे का सहारा लेकर अपनी फिटनेस और ताकत को बढ़ा रही है।
गुरुवार से यहां शुरू हो रहे हीरो वुमेंस इंडियन ओपन गोल्फ में भाग ले रही 23 साल की खिलाड़ी पेरिस ओलंपिक मे अपनी स्पर्धा से पहले सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई थी और इसका असर उनके खेल पर भी पड़ा था।
इंडियन वुमेंस ओपन गोल्फ के पिछले आयोजन मे तीसरे स्थान पर रही दीक्षा ने मंगलवार को यहां कहा, ‘‘मैं अपनी फिटनेस के साथ ताकत हासिल करने पर काम कर रही हूं। मैं इसके लिए कराटे सीख रही हूं और नियमित तौर पर जिम जा रही हूं।’’
अपने पेशेवर करियर में तीन खिताब जीतने वाली दीक्षा ने कहा, ‘‘ मैंने एक सुबह पार्क में जॉगिंग करते समय कुछ बच्चों को कराटे करते हुए देखा और फिर मैंने भी इसे सीखना शुरू कर दिया।
इस युवा खिलाडी ने कहा कि पेरिस में सड़क दुर्घटना का उनके खेल पर नकारात्मक असर पड़ा था।
ओलंपिक में साथ डेफलंपिक्स हिस्सा लेने वाली देश की इस इकलौती खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ ओलंपिक में हिस्सा लेना मेरे लिये एक अनुभव था। दुर्घटना में मुझे ज्यादा चोट नहीं लगी थी लेकिन मेरी मां अब भी उस चोट से उबर रही है।’’
उन्होने कहा, ‘‘दुर्घटना के बावजूद अच्छी बात ये रही की मैं खेलों में भाग ले सकी। हादसे से हालांकि मेरा खेल प्रभावित हुआ था। मेरी मां वहां अस्पताल में थी और अभ्यास सत्र के दौरान मुझे मेरे पिता का साथ नहीं मिला। मुझे वहां सबकुछ खुद ही देखना पड़ा। इससे मेरा ध्यान खेल से बंट गया।’’
डेफलंपिक्स में पदक जीतने वाली दीक्षा ने कहा, ‘‘ अगर यह दुर्घटना नहीं होती तो खेल के दौरान मेरे पिता मेरे साथ होते। मैंने ओलंपिक की अच्छी तैयारी की थी। मैं अब उस घटना को पीछे छोड़ चुकी हूं। किसी भी खिलाड़ी को कभी भी मुश्किल परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है।’’
दीक्षा ने कहा कि गुरुग्राम का डीएलएफ गोल्फ कोर्स अन्य मैदानों की तुलना में खिलाड़ियों के लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ’’ इस कोर्स पर अच्छा करने का मंत्र है कि आप अपने हर शॉर्ट का लुफ्त उठाओ। मैं अपने खेल मे सुधार करने पर काम कर रही हूं और अपनी लय से खुश हूं। मैं इस बार खुद से कोई उम्मीद रखे बिना बस अपने खेल का लुत्फ उठाना चाहती हूं।’’
इस आयोजन के पिछले सत्र में तीसरे स्थान पर रही दीक्षा ने कहा, ‘‘ मैं पिछले साल के प्रदर्शन से सकारात्मक सीख ले रही हूं। यहां ग्रींस (मैदान) पर गेंद की गति काफी ज्यादा हैं, मैं ताइवान में खेल कर आयी हूं, यहा ग्रीन की गति बहुत कम थी। ऐसे में यहां सामंजस्य बिठाने के लिए थोड़ा परिश्रम करना होगा। यह मानसिक पहलू के बारे में ज्यादा है।’’
हीरो वुमेंस इंडियन ओपन में दुनिया भर से 114 महिला गोल्फ खिलाड़ी भाग ले रही है जिसमें दीक्षा के साथ भारत का प्रतिनिधित्व 27 खिलाड़ी करेंगे।