दिल्ली में प्रदूषण के स्तर पर काबू पाने के लिए सरकार ने कई उपाय घोषित किए

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नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शहर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर काबू पाने के लिए मंगलवार को कई प्रदूषण-रोधी उपाय घोषित किए, जिनमें मेट्रो ट्रेन के अतिरिक्त फेरे, सड़कों पर धूल को नियंत्रित करने के लिए एमसीडी के 6,000 से अधिक कर्मचारियों की तैनाती और भीड़भाड़ वाले 97 इलाकों में 1,800 से ज्यादा यातायात कर्मियों की तैनाती शामिल हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के मद्देनजर यहां क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के दूसरे चरण के लागू होने के बाद राय ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की।

उन्होंने कहा कि वह उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में अपने समकक्षों को पत्र लिखकर दिल्ली में डीजल बसें नहीं भेजने का आग्रह करेंगे।

राय ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के भीड़भाड़ वाले 97 स्थानों पर 1,800 अतिरिक्त यातायात कर्मी तैनात किए जाएंगे, जबकि जीआरएपी-दो के तहत निर्माण-विध्वंस स्थलों पर निरीक्षण तेज किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रदूषण के खिलाफ जंग के तहत लोगों को सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करने के वास्ते दिल्ली मेट्रो बुधवार से रोजाना 40 अतिरिक्त फेरे लगाएगी, जबकि डीटीसी बसों के फेरे भी बढ़ाए जाएंगे।

राय ने कहा, “दिल्ली में मौसम में बदलाव के साथ ही प्रदूषण के स्तर में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। यह प्रवृत्ति दिल्ली तक ही सीमित नहीं है; पूरे उत्तर भारत में ऐसा ही देखा जा रहा है।”

उन्होंने कहा, “वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने प्रदूषण के स्तर पर काबू पाने के लिए जीआरएपी के चार चरण बनाए हैं। मौजूदा समय में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 से ऊपर है, जिसके कारण जीआरएपी का दूसरा चरण लागू किया गया है।”

राय ने कहा कि एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें आवश्यक प्रतिबंधों को लागू करने के उपाय सुझाए गए।

उन्होंने बताया, “पानी का छिड़काव बढ़ाया जाएगा। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) इस बाबत 6,200 कर्मचारियों की तैनाती करेगा। हमने प्रदूषण के लिहाज से अधिक संवेदनशील क्षेत्रों में पानी का छिड़काव बढ़ाने का निर्देश दिया है। एमसीडी को निर्देश दिया गया है कि यह काम 25 अक्टूबर से शुरू कर दिया जाए।”

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता के बिगड़ते स्तर के बीच सोमवार को जीआरएपी के दूसरे चरण को लागू किया, जिसमें कोयले और लकड़ी के साथ-साथ डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

ये प्रतिबंध मंगलवार सुबह आठ बजे से प्रभावी हो गए।

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