मुर्मू ने मॉरिटानिया के राष्ट्रपति से मुलाकात की, संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की

नुआकशोत (मॉरिटानिया), 17 अक्टूबर (भाषा) भारत और मॉरिटानिया ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अफ्रीकी देश की यात्रा के दौरान राजनयिक प्रशिक्षण और वीजा छूट सहित कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

राष्ट्रपति मुर्मू ने बृहस्पतिवार को नुआकशोत स्थित राष्ट्रपति भवन में मॉरिटानिया के अपने समकक्ष मोहम्मद औलद गजौनी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने अपने संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की।

मुर्मू अफ्रीका के तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में बुधवार को यहां पहुंचीं। 1960 में अफ्रीकी देश मॉरिटानिया के स्वतंत्र होने के बाद किसी भारतीय नेता की यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।

राष्ट्रपति के कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नुआकशोत स्थित राष्ट्रपति भवन में मॉरिटानिया के राष्ट्रपति मोहम्मद औलद गजौनी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की।’’

पोस्ट में लिखा है, ‘‘इस अवसर पर राजनयिकों के प्रशिक्षण, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, वीजा छूट और विदेश कार्यालय परामर्श के क्षेत्रों में चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए और उनका आदान-प्रदान किया गया।’’

राष्ट्रपति मुर्मू और गजौनी की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

मुर्मू ने बुधवार को मॉरिटानिया की राजधानी में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया।

मेजबान देश के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारतीय समुदाय को सदैव समर्थन देने के लिए मॉरिटानिया की सरकार और वहां के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करती हूं।’’

भारत-मॉरिटानिया सहयोग की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत मानव संसाधन विकास, बुनियादी ढांचे, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास और डिजिटल नवाचार सहित विभिन्न क्षेत्रों में मॉरिटानिया के विकास में योगदान दे सकता है।

राष्ट्रपति मुर्मू के नुआकशोत-ओमटौन्सी हवाई अड्डे पर पहुंचने पर मॉरिटानिया के उनके समकक्ष मोहम्मद औलद गजौनी ने उनका स्वागत किया। उनके कार्यालय ने बताया कि उनका औपचारिक स्वागत किया गया।

मॉरिटानिया में प्रचुर प्राकृतिक संसाधन हैं जो भारत के बढ़ते उद्योग के लिए महत्वपूर्ण हैं।

मुर्मू अल्जीरिया की सफल यात्रा के बाद यहां पहुंचीं, जहां उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए अल्जीरियाई समकक्ष अब्देलमजीद तेब्बौने के साथ बातचीत की।

बाद में वह अपनी यात्रा के अंतिम चरण में मलावी जाएंगी।