नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) बेजोड़ अनुकूलता और सटीकता को सक्षम बना रही है, लेकिन इसका उपयोग नैतिक विचारों और मजबूत नियामक ढांचे से निर्देशित होना चाहिए।
आईटीयूडब्ल्यूटीएसए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने जोर देकर कहा कि एआई और ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ (आईओटी) का नियमन “बाद में सोचा हुआ” नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि गोपनीयता और पूर्वाग्रह की चिंताओं को दूर किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये प्रौद्योगिकियां “अच्छाई के लिए शक्ति” के रूप में काम करें।
मंत्री ने कहा कि एआई सूचना के भंडारण और प्रसंस्करण के तरीके को नया आकार दे रहा है, साथ ही यह कंपनियों और व्यक्तियों को अद्वितीय चपलता, सटीकता और मापनीयता प्रदान करके सक्षम बना रहा है।
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल परिदृश्य और प्रौद्योगिकी की तैनाती को “नैतिक विचारों और मजबूत नियामक ढांचे द्वारा निर्देशित” किया जाना चाहिए।