विद्यारंभम: विजया दशमी पर केरल में छोटे बच्चों का अक्षरों की दुनिया में पदार्पण

तिरुवनंतपुरम,  केरल में रविवार को विजया दशमी के अवसर पर मंदिरों में ‘विद्यारंभम’ अनुष्ठान आयोजित कर छोटे बच्चों का परिचय अक्षरों से कराया गया। विद्यारंभम नौ-दिवसीय वार्षिक नवरात्र उत्सव के समापन का प्रतीक है।

इस दक्षिणी राज्य में विजया दशमी को ‘विद्यारंभम’, अर्थात शिक्षा के प्रारंभ के दिन के रूप में मनाया जाता है।

रीति-रिवाजों के अनुसार, विद्वान, लेखक, शिक्षक, पुजारी और समाज के अन्य प्रमुख व्यक्ति राज्य भर के मंदिरों और सांस्कृतिक केंद्रों में बच्चों को, आमतौर पर दो से तीन वर्ष की आयु के बच्चों को, ‘हरि श्री गणपतये नमः’ मंत्र के साथ उनका पहला अक्षर लिखवाते हैं।

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने यहां राजभवन में कई बच्चों को अक्षर ज्ञान की शिक्षा दी, जहां समारोह के लिए व्यापक प्रबंध किए गए थे।

खान ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, “दुनिया भर के केरलवासियों को विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं। उन सभी बच्चों को मेरी शुभकामनाएं जो विद्यारंभम- अक्षर और ज्ञान की दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं।”

कांग्रेस नेता और तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य शशि थरूर भी यहां बच्चों को अक्षरों की दुनिया से रू-ब-रू कराते नजर आए।

केरल के दिवंगत मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता ओमन चांडी के बेटे चांडी ओमन भी यहां एक मंदिर में बच्चों को अक्षरों की दुनिया से परिचित कराते देखे गए।

राज्य के सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने भी अपने घर पर बच्चों को अक्षरों की दुनिया से परिचित कराया।

इस अनुष्ठान के लिए बड़ी संख्या में माता-पिता अपने बच्चों को लेकर मंदिर पहुंचे थे। इस अवसर पर मंदिरों, विशेषकर विद्या और कला की देवी सरस्वती को समर्पित मंदिरों में भारी भीड़ देखी गई।