नयी दिल्ली, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्थापना के सौवें साल में प्रवेश करने के ऐतिहासिक अवसर पर (उसके) स्वयंसेवकों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आरएसएस राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पित है।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा दिये गये वार्षिक विजयादशमी उद्घबोधन का ‘लिंक’ साझा किया और कहा कि इसे अवश्य सुना जाना चाहिए।
इस हिंदुत्व संगठन की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि ‘मां भारती’ के लिए संघ का संकल्प और समर्पण हर पीढ़ी को प्रेरित करने के साथ ही ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार करने में नयी ऊर्जा भरने वाला है।
भाजपा में आने से पहले मोदी संघ के प्रचारक थे। आरएसएस को भाजपा का वैचारिक मातृ संगठन समझा जाता है । आरएसएस के स्वयंसेवकों ने दशकों के दौरान उसके संगठनात्मक विस्तार में अहम भूमिका निभायी है। आरएसएस की स्थापना 1925 में हुई थी।
आरएसएस के पदाधिकारी अनिवार्य तौर पर भाजपा के राष्ट्रीय संगठन एवं प्रदेश इकाइयों में महासचिव (संगठन) पद पर होते हैं, जो यह सुनिश्चित करते हैं कि संगठन (भाजपा) वैचारिक तालमेल एवं अनुशासन कायम रखते हुए काम करे।