मोदी ने लाओस, थाईलैंड, न्यूजीलैंड और जापान के नेताओं को उपहार में भारतीय हस्तशिल्प उत्पाद दिए

विएंतियान,  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विएंतियान में 21वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान लाओस, थाईलैंड, न्यूजीलैंड और जापान के नेताओं को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक पेश करने वाले हस्तशिल्प उत्पाद उपहार में दिए।

अधिकारियों ने बताया कि मोदी ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन को चांदी के दो शाही लैंप भेंट किए, जिन पर महाराष्ट्र का माणिक जड़ा हुआ था।

अधिकारियों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने लाओस के राष्ट्रपति थोंगलुन सिसुलिथ को तोहफे में पीतल की बुद्ध प्रतिमा दी, जिस पर मीनाकारी की हुई थी। उन्होंने सिसुलिथ की पत्नी नैली सिसुलिथ को गुजरात की प्रसिद्ध सडेली शिल्प कला के एक बॉक्स में पाटन पटोला स्कार्फ भेंट किया।

अधिकारियों के अनुसार, मोदी ने लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिफांडोन को कदम की लकड़ी से बनी बुद्ध प्रतिमा और उनकी पत्नी को ऊंट की हड्डी तथा मैलाकाइट से बना बॉक्स उपहार में दिया, जिस पर राधा-कृष्ण की प्रतिमा उकेरी गई थी।

अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति सिसुलिथ को तोहफे में दी गई पीतल की बुद्ध प्रतिमा दक्षिण भारतीय शिल्प कला का उत्कृष्ट नमूना है, जिसे तमिलनाडु के कुशल कारीगरों ने तैयार किया है। यह प्रतिमा एशिया में बौद्ध दर्शन के गहरे प्रभाव का परिचायक है।

अधिकारियों के मुताबिक, नैली सिसुलिथ को भेंट किया गया पाटन पटोला स्कार्फ गुजरात के पाटन जिले के एक साल्वी परिवार ने तैयार किया। अपने जीवंत रंगों और जटिल डिजाइन के लिए जाना जाने वाला पाटन पटोला स्कार्फ भारत की प्राचीन रेशम कला का प्रतिनिधित्व करता है।

अधिकारियों ने बताया कि थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा को मोदी ने लकड़ी की एक मेज भेंट की, जो लद्दाख की दिलकश नक्काशी कला और सांस्कृतिक सार का प्रदर्शन करती है। वहीं, जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा को मोदी से तोहफे में मोर की चांदी की कलाकृति मिली, जिस पर पश्चिम बंगाल के कलाकारों ने बारीक नक्काशी की थी।

अधिकारियों ने कहा कि मोदी की ओर से भेंट किया गया प्रत्येक उपहार भारतीय शिल्प कौशल का प्रतीक है, जो भारत और आसियान के सदस्य देशों के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों को उजागर करता है और सदियों पुरानी कलात्मक विरासत का जश्न मनाता है।