महाराष्ट्र के इतिहास में इतनी तेज गति से अलग-अलग क्षेत्रों में कभी विकास नहीं हुआ: मोदी

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नयी दिल्ली,  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले 7,600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और महाराष्ट्र स्थित 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया।

उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के इतिहास में इतनी तेज गति से और इतने बड़े पैमाने पर अलग-अलग क्षेत्रों में कभी विकास नहीं हुआ। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यह बात अलग है कि कांग्रेस के राज में इतनी ही तेज गति से, इतने ही बड़े पैमाने पर, अलग-अलग क्षेत्रों में भ्रष्टाचार जरूर होता था।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने नागपुर में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के उन्नयन और शिरडी हवाई अड्डे पर नए एकीकृत टर्मिनल भवन की आधारशिला रखी और मुंबई में निर्मित भारतीय कौशल संस्थान और विद्या समीक्षा केंद्र महाराष्ट्र का उद्घाटन किया।

कुछ दिन पहले ही मराठी को ‘शास्त्रीय भाषा’ का दर्जा दिए जाने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि जब एक भाषा को उसका गौरव मिलता है तब सिर्फ शब्द नहीं बल्कि पूरी पीढ़ी को नए बोल मिलते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘करोड़ों मराठी मानुष का दशकों पुराना सपना पूरा हुआ। महाराष्ट्र के लोगों ने जगह-जगह इसकी खुशी मनाई।

ऋ आज महाराष्ट्र के गांव-गांव से मुझे खुशी के संदेश भी भेज रहे हैं। महाराष्ट्र के लोग अपने संदेशों में मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा देने के लिए मुझे ढेर सारे धन्यवाद दे रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, मैं बताना चाहता हूं। ये काम मैंने नहीं, आप सबके आशीर्वाद ने किया है। महाराष्ट्र के विकास का हर प्रयास छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबा साहेब आंबेडकर, ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले जैसी विभूतियों के आशीर्वाद से हो रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्ष में भाजपा सरकार ने देश के विकास के लिए आधुनिक अवसंरचना बनाने का एक ‘महायज्ञ’ शुरू किय़ा है और आज वह सिर्फ इमारतें नहीं बना रही बल्कि एक स्वस्थ और समृद्ध महाराष्ट्र की नींव भी रख रही है।

राज्य में 10 नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों की शुरुआत किए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का महायज्ञ है और ये मेडिकल कॉलेज अपने आस-पास के क्षेत्रों में लाखों परिवारों की सेवा का केंद्र बनेंगे।

उन्होंने कहा कि इनके चलते महाराष्ट्र में 900 मेडिकल सीटें बढ़ रही हैं और इसके साथ ही अब महाराष्ट्र में मेडिकल सीटों की संख्या लगभग 6,000 हो जाएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन को आसान बनाने का प्रयास गरीबी के खिलाफ लड़ाई का बहुत बड़ा माध्यम है लेकिन कांग्रेस जैसी पार्टियों ने तो गरीबी को अपनी राजनीति का ईंधन बना रखा था।

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए वो गरीब को गरीब बनाए रखती थी। लेकिन हमारी सरकार ने एक दशक के भीतर-भीतर 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला है। और देश में स्वास्थ्य सेवाओं का कायाकल्प इसका एक बड़ा आधार बना है।’’

उन्होंने कहा कि आज गरीब से गरीब देशवासी को मोदी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा का मजबूत कवच दिया है क्योंकि उसका हर निर्णय और हर नीति ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य के लिए समर्पित है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा विजन है- गरीब, किसान, युवा और महिलाओं का कल्याण। इसलिए विकास की हर परियोजना गांव-गरीब, मजदूर-किसान के लिए समर्पित होती है।’’

शिर्डी हवाई अड्डे में अलग कार्गो परिसर के निर्माण का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इससे किसानों की बड़ी मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘इस परिसर से विभिन्न प्रकार के कृषि उत्पादों को देश और विदेश में भेजा जाएगा। इसका फायदा शिर्डी, लासलगांव, अहिल्यानगर और नासिक के किसानों को होने वाला है। ये किसान प्याज, अंगूर, सैजन, अमरूद और अनार जैसे उत्पादों को बड़े बाजार तक आसानी से पहुंचा सकेंगे।’’

मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के हित में लगातार जरूरी कदम उठा रही है और इस क्रम में बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य को खत्म कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार आज कपड़ा उद्योग का जिस तरह से समर्थन कर रही है, उससे महाराष्ट्र के कपास किसानों को भी बहुत फायदा होगा।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) और विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) का उद्घाटन भी किया।

मोदी ने कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े देश आज भारत को मानव संसाधन के बड़े केंद्र के रूप में देख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि युवाओं के पास पूरी दुनिया में शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर सॉफ्टवेयर तक, हर क्षेत्र में अपार अवसर हैं और इसलिए सरकार अपने युवाओं को ग्लोबल स्टैंडर्ड के मुताबिक कौशल प्रदान कर रही है।

उन्होंने कहा कि आज केंद्रों की शुरुआत हुई है, उनमें युवाओं को भविष्योन्मुखी प्रशिक्षण मिलेगा और उनकी प्रतिभा को बाजार की मांग के मुताबिक आगे बढ़ाया जाएगा।

 

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