यूपीआई लाइट के जरिये एक बार में होगा 1,000 रुपये का भुगतान, वॉलेट सीमा होगी 5,000 रुपये

नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता तथा इसे और बढ़ावा देने के मकसद से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये और प्रति लेन-देन सीमा बढ़ाकर 1,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए बुधवार को कहा कि लगातार नवोन्मेष और स्वीकार्यता के साथ यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) ने डिजिटल भुगतान को आसान और समावेशी बनाकर देश के वित्तीय परिदृश्य को बदल दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इसके उपयोग को और प्रोत्साहित करने तथा और समावेशी बनाने को लेकर यूपीआई 123 पे में प्रति लेनदेन सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है। साथ ही यूपीआई वॉलेट की सीमा 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 करने और प्रति लेन-देन की सीमा को 1,000 रुपये करने का निर्णय किया गया है।’’

वर्तमान में यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा 2,000 रुपये और प्रति लेन-देन 500 रुपये है।

आरबीआई के बयान के अनुसार, ऑफलाइन डिजिटल माध्यम से छोटे मूल्य के भुगतान की सुविधा के लिए यूपीआई लाइट से जुड़ी रिजर्व बैंक की रूपरेखा में उपयुक्त संशोधन किया जाएगा।

इसके अलावा, ‘यूपीआई 123 पे’ की सुविधा अब 12 भाषाओं में उपलब्ध होगी।

इसके साथ, एनईएफटी (राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक कोष अंतरण) और आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट सिस्टम) में कोष अंतरण को अंतिम रूप देने से पहले यूपीआई और आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा) की तरह खाताधारक के नाम के सत्यापन की सुविधा मिलेगी।

वर्तमान में, यूपीआई और आईएमपीएस ( तत्काल भुगतान सेवा) के तहत पैसा भेजने से पहले भेजने वाले को प्राप्तकर्ता (लाभार्थी) के नाम को सत्यापित करने की सुविधा मिलती है।

दास ने कहा, ‘‘अब आरटीजीएस और एनईएफटी के तहत राशि भेजने से लाभार्थी के नाम के सत्यापन की सुविधा मिलेगी। इससे गलत व्यक्ति को पैसा जाने और धोखाधड़ी की आशंका कम होगी।’’

आरबीआई ने कहा कि इस बारे में जल्दी ही दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।