विशेषज्ञों का का मानना है कि बहुत अधिक तापमान पर मांस पकाने से प्रोटीन में एचसीए यानि हेटरोसायक्लिक एमाइन नामक रसायन का स्तर बढ़ सकता है, जो कैंसरकारी हो सकता है। कुछ अध्ययनों ने तले हुए या बारबेक्यू किए गए मांस की अधिक खपत को कोलोरेक्टल, अग्नाशय और प्रोस्टेट कैंसर से जोड़ा है। भले ही इसपर शोध जारी है, लेकिन जब कैंसर के खतरे को बढ़ाने की बात आती है जो वृद्ध लोगों को प्रभावित करता है तो सावधानी बरतना सबसे अच्छा विकल्प है। इतना ही नहीं विशेषज्ञ ये भी कहते हैं कि आप प्रति सप्ताह एक या उससे कम सर्विंग्स तक सीमित रहें, और इन यौगिकों के उत्पादन को कम करने में मदद के लिए अपने मांस को ग्रिल करने से पहले मैरीनेट करें।