तिरुवनंतपुरम, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को दावा किया कि देश अघोषित आपातकाल के दौर से गुजर रहा है, क्योंकि ‘‘संघ परिवार की सरकार’’ संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
विजयन ने 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा घोषित आपातकाल को ‘भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय’ करार देते हुए सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर एक पोस्ट में यह टिप्पणी की।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि आपातकाल के इस काले अध्याय को आधी सदी हो चुकी है।
विजयन ने कहा कि 25 जून 1975 को देश में आपातकाल की घोषणा कोई अचानक या अप्रत्याशित घटना नहीं थी, बल्कि यह ‘भारत में वर्षों से चली आ रही सत्तावादी प्रवृत्तियों और नागरिक स्वतंत्रता के हनन की क्रूर परिणति (पराकाष्ठा) थी।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकाल की 50वीं बरसी देश में मौजूदा राजनीतिक हालात की ‘भयावहता’ की याद दिलाती है।
विजयन ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘देश इस समय अघोषित आपातकाल के दौर से गुजर रहा है। अगर इंदिरा गांधी ने संविधान का दुरुपयोग किया था तो आज ‘संघ परिवार की सरकार’ उसे (संविधान को) खत्म करने की कोशिश कर रही है।’’
उन्होंने माकपा के मुखपत्र ‘देशाभिमानी’ में आपातकाल पर प्रकाशित एक लेख का लिंक भी साझा किया।
विजयन ने दावा किया कि आपातकाल केवल उन लोगों के लिए इतिहास का सबक नहीं है, जो इसे झेल चुके हैं, बल्कि यह ‘राजकीय आतंक की ज्वलंत स्मृति’ बनी हुई है।
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि आपातकाल के समय की यादों को भविष्य के संघर्षों के लिए प्रेरणा के स्रोत के रूप में संरक्षित किया जाना चाहिए और अगली पीढ़ियों तक पहुंचाया जाना चाहिए।
आपातकाल के दौरान माकपा के वरिष्ठ नेता विजयन को केरल में छिपकर राजनीतिक गतिविधियां आयोजित करने के आरोप में 18 महीने तक जेल में रखा गया था। हिरासत में रहने के दौरान उन्हें कथित तौर पर पुलिस यातना का भी सामना करना पड़ा था।