मुंबई, सात अक्टूबर (भाषा) भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दो अरब डॉलर के अनुमानित निवेश से एक खाद्य गलियारा स्थापित करेंगे जो यूएई एवं अन्य खाड़ी बाजारों की जरूरतों को पूरा करेगा। इससे भारत के किसानों को अधिक आमदनी एवं अधिक रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को भारत-यूएई उच्चस्तरीय कार्यबल की 12वीं बैठक के बारे में यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच खाद्य गलियारे की स्थापना को मिशन के तौर पर आगे बढ़ाने के लिए एक छोटा कार्यसमूह भी गठित किया गया है जिसमें केंद्र सरकार, संबंधित राज्य सरकारें और यूएई शामिल हैं।
गोयल ने कहा, ‘‘भारत में खाद्य पार्कों की स्थापना के बारे में बहुत विस्तार से चर्चा की गई। इससे जुड़ा बुनियादी काम काफी हद तक पूरा हो चुका है। यह एक और क्षेत्र है जो किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगा, हमारे हजारों युवाओं को खाद्य प्रसंस्करण में रोजगार देगा और यूएई की खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।’’
उन्होंने कहा कि यूएई ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और खाद्य पार्क लॉजिस्टिक में निवेश के लिए लगभग दो अरब डॉलर की शुरुआती प्रतिबद्धता जताई है। भारत से यूएई को खाद्य उत्पाद पहुंचाने के लिए लॉजिस्टिक सुविधाओं की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने केंद्र एवं राज्य सरकारों और यूएई की भागीदारी वाले एक छोटे कार्यसमूह का गठन किया है, जो दोनों देशों के बीच एक खाद्य गलियारे की स्थापना को मिशन के तौर पर आगे बढ़ाएगा।’’
उन्होंने अगले ढाई साल में यह निवेश होने की उम्मीद जताते हुए कहा, ‘‘काफी समय से चर्चा है कि यूएई भारत में खाद्य प्रसंस्करण सुविधाएं स्थापित करने में निवेश करना चाहेगा ताकि उसके लिए उपयुक्त उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके, भारतीय किसानों के उत्पादों का उपयोग किया जा सके और उन्हें यूएई में बेचा जा सके।’’
गोयल ने कहा, ‘‘यह मामला काफी समय से यूएई सरकार और भारत के विभिन्न राज्यों के साथ चर्चा में है। अब हम यह सुनिश्चित करने की तेजी से कोशिश कर रहे हैं कि यूएई के निवेशकों और यूएई एवं अन्य खाड़ी बाजारों के साथ भारत में खाद्य प्रसंस्करण में निवेश हो सके।’’