आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सिखाने वाला अनुभव था : प्रधानमंत्री मोदी

0
pm-modi-5-1

नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) आपातकाल और उस दौरान के अपने अनुभवों पर एक पुस्तक के विमोचन से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि यह अवधि उनके लिए सीख देने वाली थी।

लोकतंत्र के आदर्शों के लिए मोदी के संघर्ष को रेखांकित करने वाली किताब ‘द इमरजेंसी डायरीज-ईयर्स दैट फोर्ज्ड ए लीडर’ का प्रकाशन ब्लूक्राफ्ट ने किया है। गृह मंत्री अमित शाह बुधवार शाम को इसका विमोचन करेंगे।

मोदी ने कहा कि यह किताब आपातकाल के दौरान की उनकी यात्रा को बयां करती है और उस समय की कई स्मृतियों को ताजा करती है।

मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘मैं उन सभी लोगों से अपील करता हूं जिन्हें आपातकाल के वे काले दिन याद आते हैं या जिनके परिवारों ने उस दौरान कष्ट झेले थे, वे अपने अनुभवों को सोशल मीडिया पर साझा करें। इससे युवाओं में 1975 से 1977 तक के शर्मनाक समय के बारे में जागरूकता पैदा होगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल के समय वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के युवा प्रचारक थे।

उन्होंने कहा, ‘‘आपातकाल विरोधी आंदोलन मेरे लिए सिखाने वाला अनुभव था। इसने हमारे लोकतांत्रिक ढांचे को संरक्षित करने की महत्ता को फिर से पुष्ट किया। साथ ही, मुझे राजनीतिक क्षेत्र के लोगों से बहुत कुछ सीखने को मिला।’’

मोदी ने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने उन अनुभवों में से कुछ को एक पुस्तक के रूप में संकलित किया है, जिसकी प्रस्तावना श्री एच.डी. देवेगौड़ा जी ने लिखी है, जो स्वयं आपातकाल विरोधी आंदोलन के एक दिग्गज थे।’’

प्रकाशक ने एक पोस्ट में कहा कि पुस्तक आपातकाल के खिलाफ लड़ाई में मोदी द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालती है।

उन्होंने कहा कि मोदी के साथ उनकी युवावस्था में काम करने वाले सहयोगियों के अनुभवों और अन्य सामग्रियों के आधार पर यह पुस्तक अपनी तरह की पहली किताब है, जो एक ऐसे युवा के प्रारंभिक वर्षों पर नए सिरे से रोशनी डालती है, जिसने अत्याचार के खिलाफ लड़ाई में अपना सब कुछ झोंक दिया।

इसमें आगे कहा गया है, ‘‘इमरजेंसी डायरीज पुस्तक लोकतंत्र के आदर्शों के लिए संघर्ष कर रहे नरेन्द्र मोदी की एक जीवंत तस्वीर पेश करती है और बताती है कि कैसे उन्होंने अपने पूरे जीवन में इसे बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए काम किया है।’’

ब्लूक्राफ्ट ने कहा कि यह पुस्तक उन लोगों के साहस और संकल्प को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने चुप रहने से इनकार कर दिया था, और यह उन शुरुआती चरणों की एक दुर्लभ झलक पेश करती है, जिसने हमारे समय के सबसे क्रांतिकारी नेताओं में से एक को गढ़ा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *