लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भविष्य में लागू होने जा रहे ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिये आरक्षित करने के प्रावधान को अमली जामा पहनाने में मदद के लिये नवगठित राज्य महिला आयोग को एक विस्तृत कार्यक्रम तैयार करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को नवगठित राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष, उपाध्यक्षों और सदस्यों सहित सभी पदाधिकारियों के साथ विशेष बैठक में आयोग के गठन के उद्देश्यों, दायित्वों, अधिकारों पर भी चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
राज्य सरकार द्वारा यहां जारी एक बयान के मुताबिक, योगी ने आयोग को अहम जिम्मेदारी देते हुए कहा, “देश में अतिशीघ्र नारी शक्ति वंदन अधिनियम प्रभावी होने जा रहा है। इसके माध्यम से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं की कुल सीट में से एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी।”
उन्होंने कहा, “प्रदेश की महिलाओं को इसका वास्तविक लाभ मिल सके, इसके लिए उनमें नेतृत्व क्षमता विकास के लिए विशेष प्रयास किया जाना आवश्यक है। महिला हितों के संरक्षण तथा उनके कल्याण में राज्य महिला आयोग की बड़ी भूमिका है। राज्य महिला आयोग इसके लिए विस्तृत कार्यक्रम तैयार करे।”
योगी ने कहा, “आयोग के पदाधिकारियों को जिलों में प्रवास के दौरान सरकार के कार्यक्रमों के बारे में स्थानीय महिलाओं से बात करनी चाहिए और वहां से प्राप्त प्रतिक्रिया से मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया जाना अपेक्षित है। अगर कुछ कारणों से किसी को योजना का लाभ नहीं मिल सका है, तो आयोग उसके लिये सिफारिश भी करे।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार भिक्षावृत्ति की अवैध गतिविधियों से फंसे बच्चों को मुक्त कराकर उनकी पढ़ाई, आवास आदि की व्यवस्था कर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने की कोशिश कर रही है। राज्य महिला आयोग इस काम में मदद करे।
योगी ने कहा कि इसके अलावा आयोग वृंदावन में स्थापित ‘कृष्णा कुटीर’ में रह रही निराश्रित महिलाओं के हस्तशिल्प तथा अन्य हुनर के सही इस्तेमाल के लिये सुझाव दे।