देश की अर्थव्यवस्था की गाड़ी की ‘ड्राइविंग’ सीट पर आज निजी क्षेत्र : राजनाथ सिंह

0

जयपुर,  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र के बढ़ते महत्व को रेखांकित करते हुए सोमवार को कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था की गाड़ी की ‘ड्राइविंग सीट’ पर निजी क्षेत्र बैठा हुआ है।

राजनाथ ने यहां एक सैनिक स्कूल के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि नए सैनिक स्कूल भी ‘पीपीपी’ मॉडल के तहत स्थापित किए जा रहे हैं। पीपीपी को उन्होंने ‘सार्वजनिक निजी भागीदारी’ के बजाय ‘निजी सार्वजनिक भागीदारी’ के रूप में परिभाषित किया, ताकि निजी क्षेत्र के महत्व पर जोर दिया जा सके।

इसके साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि सैनिक स्कूल समाज को नयी दिशा देने के प्रयास को नयी गति देने का काम करेंगे। सिंह ने कहा कि ये स्कूल अपने विद्यार्थियों में अनुशासन, देशभक्ति व साहस जैसे मूल्य भरते हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि देश में अब तक स्थापित सभी सैनिक स्कूल केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों से चलाए जा रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री ने जिन 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना का लक्ष्य रखा है, वे ‘पीपीपी’ मॉडल निजी-सार्वजनिक भागीदारी के आधार पर स्थापित और संचालित किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आम तौर पर पीपीपी मॉडल को ‘सार्वजनिक निजी भागीदारी’ के रूप में देखा जाता है।

रक्षा मंत्री ने कहा,”लेकिन प्रधानमंत्री ने जिन 100 नए सैनिक स्कूल की स्थापना का लक्ष्य रखा है वह केंद्र और राज्य सरकार की पार्टनरशिप से नहीं बल्कि नहीं पीपीपी मॉडल यानी निजी सार्वजनिक भागीदारी के आधार पर स्थापित और संचालित किये जा रहे हैं।”

उन्होंने कहा,” जब भी सार्वजनिक निजी भागीदारी की बात आती है तो पब्लिक शब्द यानी सरकार की भूमिका पहले आती है। कोई भी परियोजना होती है, तो हम सरकार की भूमिका सबसे पहले ढूंढने लगते है। परिस्थितियां अब पूरी तरह से बदल रही हैं। इसलिए अब पीपीपी की मानक परिभाषा से हटकर इसे निजी सार्वजनिक भागीदारी समझता हूं। इसलिए हमने पहले सार्वजनिक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। हमने पहले निजी शब्द का उपयोग किया किया।”

उन्होंने कहा,” मैं निजी शब्द को पहले इसलिए रख रहा हूं क्योंकि वर्तमान समय में अर्थव्यवस्था के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भूमिका सार्वजनिक क्षेत्र के मुकाबले अब कहीं ज्यादा होती जा रही है।”

उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्र यानी कृषि और उससे जुड़ी हुई गतिविधियों की बात की जाए तो भारत का 50 प्रतिशत से अधिक कार्यबल उसमें काम करता है। अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा हिस्सा अपने आप में निजी क्षेत्र है। अर्थव्यवस्था के दोनों बाकी क्षेत्र यानी विनिर्माण व सेवा क्षेत्र में भी निजी क्षेत्र की भूमिका पहले से कहीं से अब ज्यादा हो गयी है।

रक्षा मंत्री ने कहा,”मेरे कहने का अर्थ यह है कि देश की अर्थव्यवस्था की जो गाड़ी है, उस गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर आज निजी क्षेत्र बैठा हुआ है।”

उन्होंने कहा, ”देश में जिन नए सैनिक स्कूलों की अब स्थापना हो रही है वह इसी निजी सार्वजनिक भागीदारी के आधार पर की जा रही है। पीपीपी की अवधारणा के तहत शिक्षा का जो विकास किया जा रहा है वह मेरी समझ में उपयुक्त इसलिए है क्योंकि इसमें निजी क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र दोनों की क्षमता एक साथ मिलकर काम करेंगी और हमारी आने वाली पीढ़ी को सर्वोत्तम शिक्षा उपलब्ध कराएंगे।”

रक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा को भारत के समाज व राष्ट्र के विकास के सबसे आधारभूत तत्व के रूप में देखा गया है, भारत में शिक्षा का प्राचीन काल से बहुत महत्त्व रहा है। हमारे यहां प्राचीन शिक्षा प्राणी ने समाज निर्माण में अपना बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस सच्चाई को कोई नकार नहीं सकता।

उन्होंने विश्वास जताया कि सैनिक स्कूल समाज को नयी दिशा देने के प्रयास को नयी गति देने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि ये स्कूल अपने विद्यार्थियों को अनुशासन, देशभक्ति व साहस जैसे मूल्यों की शिक्षा देते हैं।

उन्होंने कहा, ”सैनिक स्कूल विद्यार्थियों को सिर्फ किताबी जानकारी ही नहीं देते बल्कि विद्यार्थियों में मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता, मूल्यों का समावेश कराने की भी कोशिश करते हैं। सैनिक स्कूल अपने विद्यार्थियों को अनुशासन, देशभक्ति व साहस जैसे मूल्यों की भी शिक्षा देते हैं।”

उन्होंने कहा, ”इन मूल्यों के कारण विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का जो सर्वांगीण विकास होता है वह उन्हें देश को आगे ले जाने के लिए स्वाभाविक रूप से प्रेरित करता है।”

सिंह ने कहा, ”आज जब हम नयी शिक्षा नीति के माध्यम से समाज को एक नयी दिशा देने का प्रयास कर रहे हैं सैनिक स्कूल, मैं मानता हूं… इस प्रयास को नयी गति देने का काम करेंगे …ऐसा मेरा पक्का विश्वास है।”

सितंबर 2023 में सैनिक स्कूल सोसायटी ने श्री भवानी निकेतन पब्लिक स्कूल, जयपुर में एक नए सैनिक स्कूल की स्थापना के लिए श्री भवानी निकेतन शिक्षा समिति के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।

इससे पहले, सिंह ने नव स्थापित स्कूल में एक पौधा भी लगाया, जिसने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में काम करना शुरू कर दिया है।

सीकर रोड स्थित श्री भवानी निकेतन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी मौजूद थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *