कांग्रेस ने कंगना रनौत को हिमाचल सरकार, सोनिया गांधी के खिलाफ आरोप साबित करने की चुनौती दी

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शिमला,  हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने सोमवार को मंडी की सांसद कंगना रनौत को चुनौती दी कि वह अपने इस आरोप को साबित करें कि राज्य सरकार ने कर्ज लेकर सोनिया गांधी को पैसे दिए। कांग्रेस ने कहा कि कंगना रनौत ने यदि आरोप साबित नहीं किया तो वह उनके खिलाफ मानहानि का मामला दायर करेगी।

हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि कंगना रनौत की टिप्पणी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद के ‘‘बौद्धिक दिवालियापन’’ को दर्शाती है। उन्होंने कहा, ‘‘इससे बड़ा मूर्खतापूर्ण बयान कोई नहीं हो सकता कि केंद्र से आने वाला धन या राज्य का विकास कोष सोनिया गांधी को दिया जा रहा है।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘मैं भाजपा सांसद कंगना रनौत को खुली चुनौती देता हूं कि वह एक रुपये के भी दुरुपयोग का सबूत दिखाएं या कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से उनके खिलाफ इस तरह के निराधार और अनुचित आरोप लगाने के लिए माफी मांगें। अन्यथा, कांग्रेस उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेगी।’’

भाजपा सांसद कंगना रनौत ने रविवार को आरोप लगाया था कि हिमाचल प्रदेश सरकार ऋण लेती है और इसे कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को दे देती है, जिससे राज्य का खजाना ‘‘खाली’’ हो गया है।

उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘‘वे कर्ज लेते हैं और सोनिया गांधी को देते हैं जिससे राज्य खाली हो गया है।’’

उन्होंने मनाली में भाजपा के एक कार्यक्रम में आरोप लगाते हुए कहा था, ‘‘अगर हम (केंद्र) आपदा निधि देते हैं तो वह मुख्यमंत्री राहत कोष में जानी चाहिए, लेकिन सभी जानते हैं कि वह सोनिया राहत कोष में जाती है।’’

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और कांग्रेस की मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने कहा, ‘‘यह कहते हुए दुख होता है कि वह ज्यादा शिक्षित नहीं हैं और यही बात उनके बयानों में भी झलकती है। हम सभी जानते हैं कि केंद्र से मिलने वाले धन और राज्य विकास कोष की राशि ऋणपत्र (एलओसी) सुविधा, ड्राफ्ट और ओवरड्राफ्ट सुविधाओं के जरिए खर्च की जाती है।’’

सिंह ने अभिनेत्री पर उनकी फिल्म “इमरजेंसी” को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा अभी तक रिलीज के लिए मंजूरी नहीं दिए जाने पर भी कटाक्ष किया।

सिंह ने कहा कि भाजपा सांसद हिमाचल प्रदेश का दौरा कम ही करती हैं, लेकिन उनकी फिल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा ‘रोके’ जाने से शायद वह दुखी हैं और मनाली में अपने घर से निराधार बयान दे रही हैं।

रनौत ने हाल ही में कहा था कि ‘‘इमरजेंसी’’ सेंसर बोर्ड में अटकी हुई है। भाजपा सांसद ने फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है।

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री सिंह ने रनौत को ‘‘नियंत्रण से बाहर’’ बताया और कहा कि उन्हें भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने फटकार लगाई है और संवेदनशील मुद्दों पर बोलने से मना किया है।

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह पर कटाक्ष करते हुए रनौत ने रविवार को कहा था, ‘‘एक ‘राजा’ के बेटे की हरकतें सभी को पता हैं और लोग सड़कों पर गड्ढों से थक चुके हैं। मैं अपने क्षेत्र के लिए जितना संभव होगा, उससे अधिक करूंगी, लेकिन पीडब्ल्यूडी मंत्री (विक्रमादित्य सिंह) को भी कुछ करना चाहिए।’’

इससे पहले प्रतिभा सिंह ने संवाददाताओं से कहा था कि बिना तथ्यों के आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है और कोई भी रनौत की मानसिकता को समझ सकता है।

 

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