प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज गूगल, एनवीडिया भारत में निवेश बढ़ाएंगी

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न्यूयॉर्क,  प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां गूगल और एनवीडिया भारत में अपनी भागीदारी बढ़ाएंगी और देश में कृत्रिम मेधा (एआई) प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर अधिक ध्यान देंगी।

दोनों कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बाद यह बात कही।

ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एनवीडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जेन्सेन हुआंग ने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा से एआई, भारत के लिए इसकी क्षमता और अवसरों के बारे में जानने के इच्छुक रहे हैं।

हुआंग ने कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री के साथ कई बैठकों का आनंद लिया है। वह एक अद्भूत छात्र हैं, और जब भी मैं उनसे मिलता हूं, तो वह प्रौद्योगिकी, एआई, भारत के लिए क्षमता और अवसर, भारतीय समाज और उद्योग पर प्रभाव के बारे में जानना चाहते हैं।”

एनवीडिया की जीपीयू खंड में 88 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी होने का अनुमान है। इसकी दुनियाभर में एआई वर्कलोड के लिए भारी मांग है।

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के कुछ महानतम कंप्यूटर वैज्ञानिकों का देश है, जहां शानदार अवसर हैं।

हुआंग ने कहा, ‘‘कृत्रिम मेधा भी एक नया उद्योग है, एक नया विनिर्माण उद्योग है। मैं इसे संभव बनाने के लिए भारत के साथ बहुत गहराई से साझेदारी करने के लिए उत्सुक हूं। भारत के साथ हमारी कई साझेदारियां हैं। हम भारत को हमारी सबसे उन्नत प्रौद्योगिकियों तक पहुंच बनाने में मदद कर रहे हैं।’’

गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने डिजिटल इंडिया दृष्टिकोण के साथ भारत को बदलने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और कंपनी को भारत में निर्माण और डिजाइन करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

पिचाई ने कहा, ‘‘उन्होंने हमें स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि में अनुप्रयोगों के बारे में सोचने की चुनौती दी, और वे भारत के बुनियादी ढांचे के बारे में भी सोच रहे हैं, चाहे वह डेटा सेंटर हो, बिजली हो, ऊर्जा हो। वह भारत में बदलाव करने के लिए निवेश कर रहे हैं। हम भारत में एआई में मजबूती से निवेश कर रहे हैं, और हम इससे अधिक करने के लिए तत्पर हैं।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने गूगल से एआई के क्षेत्र में और अधिक काम करने के लिए कहा और वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि एआई भारत के लोगों को लाभ पहुंचाए।

पिचाई के मुताबिक, ‘‘एआई द्वारा पैदा होने वाले अवसरों के संबंध में उनके पास स्पष्ट नजरिया है, लेकिन वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अंततः एआई भारत के लोगों को लाभ पहुंचाए। उनका एक स्पष्ट नजरिया है कि यह भारत के लोगों की सेवा के लिए होना चाहिए। वह हमें और अधिक काम करने के लिए चुनौती दे रहे हैं।’’

यह बैठक मोदी की तीन दिन की अमेरिकी यात्रा के दूसरे चरण के दौरान रविवार को ‘लोटे न्यूयॉर्क पैलेस’ होटल में हुई।

प्रधानमंत्री ने एआई, क्वॉन्टम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पर काम करने वाली अमेरिकी कंपनियों के सीईओ के साथ गोलमेज बैठक में भाग लिया।