प्रधानमंत्री मोदी और कंपनियों के सीईओ के दृष्टिकोण में सामंजस्य है: एमआईटी के शिक्षाविद

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न्यूयॉर्क (अमेरिका), अमेरिका में एक प्रख्यात शिक्षाविद ने कहा है कि सेमीकंडक्टर, कृत्रिम बुद्धमत्ता (एआई) और जैव प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भारत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दुनिया की प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के दृष्टिकोण में ‘‘जबरदस्त सामंजस्य’’ देखने को मिला।

मोदी ने शनिवार को यहां विश्व की प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनियों के सीईओ के साथ गोलमेज सम्मेलन में हिस्सा लिया।

गोलमेज सम्मेलन का आयोजन करने वाले ‘मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग’ के प्रोफेसर और संस्थान में मुख्य नवाचार एवं रणनीति अधिकारी तथा ‘एमआईटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग’ के डीन अनंत चंद्रकासन ने इसकी मेजबानी की।

प्रौद्योगिकी कंपनियों के सीईओ के साथ गोलमेज सम्मेलन के समापन के बाद चंद्रकासन ने रविवार को यहां पीटीआई-भाषा के साथ विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका एवं दुनिया में कुछ अत्यंत प्रभावी प्रौद्योगिकी कंपनियों के सीईओ के साथ सम्मेलन का आयोजन तथा इसकी मेजबानी करना मेरे लिए बेहद सम्मान की बात है।’’

उन्होंने कहा कि सम्मेलन जैव प्रौद्योगिकी, फार्मा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी सहित ‘‘व्यापक विषयों’’ पर केंद्रित था।

चंद्रकासन ने कहा, ‘‘मुझे इस बात ने सबसे अधिक प्रभावित किया कि सीईओ ने अपनी प्रौद्योगिकी और नेतृत्व संबंधी दिशा-निर्देशों के बारे में बात की, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वे आज भारत में क्या कर रहे हैं तथा वे और क्या-क्या करना चाहेंगे। यह वास्तव में प्रभावित करने वाली बात थी कि वे अमेरिका और भारत के बीच काम करने को उत्सुक हैं। इसलिए यह हैरान करने वाला था।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘यह तथ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण था कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के लिए अपने दृष्टिकोण का वर्णन किया, तो उन्होंने कौशल, सेमीकंडक्टर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नैतिक उपयोग, जैव प्रौद्योगिकी के बारे में बात की। बहुत समान प्रकार के लक्ष्य थे और मैंने देखा कि प्रौद्योगिकी कंपनियों के सीईओ जो कह रहे थे और प्रधानमंत्री मोदी का जो दृष्टिकोण था, उनमें सामंजस्य था।’’

चंद्रकासन ने कहा कि कई सीईओ ने इस बारे में बात की कि वे भारत में अपनी छाप कैसे छोड़ने वाले हैं तथा सहयोग का विस्तार वे कैसे करने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वह इस बात से ‘‘थोड़ा आश्चर्यचकित’’ हैं कि कंपनियों ने भारत में कितना ‘‘गहरा निवेश किया है, और वे इस जबरदस्त विकास के अवसर को कैसे देखते हैं तथा उनमें से कई कंपनियों के लक्ष्य समान हैं।’’

चंद्रकासन ने कहा, ‘‘इसलिए इसने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया कि व्यक्तिगत लक्ष्य के अलावा, उद्योग और शिक्षा जगत में साझा सहयोग भी हो सकता है।’’

सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य सीईओ में अडोब के सीईओ शांतनु नारायण, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा, एक्सेंचर की सीईओ जूली स्वीट, एनवीआईडीआईए के संस्थापक, अध्यक्ष एवं सीईओ जेन्सेन हुआंग और एचपी के सीईओ एवं अध्यक्ष एनरिक लोरेस शामिल थे।