नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय का यूट्यूब चैनल शुक्रवार को ‘हैक’ कर लिया गया और उसपर अमेरिकी कंपनी ‘रिपल लैब्स’ निर्मित ‘क्रिप्टोकरंसी’ के प्रचार वाला एक वीडियो दिखाई देने लगा।
हालांकि, इस वीडियो में कुछ नहीं था। वीडियो के नीचे लिखा था, ‘‘ब्रैड गार्लिंगहाउस: रिपल रेसपोंड्स टू द एसईसी 2 बिलियन डॉलर फाइन! एक्सआरपी प्राइज प्रेडिक्शन।’’
शीर्ष न्यायालय अपनी संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध मामलों और जनहित से जुड़े विषयों की सुनवाई के सीधे प्रसारण के लिए यूट्यूब चैनल का उपयोग करता है।
न्यायालय की वेबसाइट पर पोस्ट किये गए एक नोटिस में कहा गया है, ‘‘सभी को सूचित किया जाता है कि उच्चतम न्यायालय के यूट्यूब चैनल पर सेवाएं बाधित हो गई हैं। शीर्ष अदालत के यूट्यूब चैनल पर सेवाएं शीघ्र ही पुनः आरंभ कर दी जाएंगी।’’
शीर्ष अदालत ने 2018 में संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध सभी मामलों की सुनवाई का सीधा प्रसारण करने का निर्णय लिया था।
तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश यू यू ललित की अध्यक्षता में हाल ही में हुई न्यायालय की पूर्ण पीठ की बैठक में सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय में, शीर्ष अदालत ने 2018 में इस मामले पर एक महत्वपूर्ण फैसले के बाद सभी संविधान पीठ की सुनवाई की कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने का निर्णय लिया था।