ह्यूस्टन (अमेरिका), 18 सितंबर (भाषा) भारत के ऊर्जा मंत्री हरदीप पुरी ने विश्व की ऊर्जा जरूरतों पर विचार-विमर्श के लिए आयोजित बहुराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि अगले दो दशकों में भारत वैश्विक ऊर्जा मांग में 25 प्रतिशत का योगदान देगा।
यहां जॉर्ज आर. ब्राउन कन्वेंशन सेंटर में 52वीं गैसटेक एग्जीबिशन एंड कॉन्फ्रेंस भारत सहित विश्व के पांच प्रमुख ऊर्जा मंत्रियों की रणनीतिक अंतर्दृष्टि के साथ मंगलवार को शुरू हुई।
‘दृष्टिकोण, नवाचार और कार्रवाई के जरिये ऊर्जा में बदलाव’ विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में वैश्विक ऊर्जा स्थिरता तथा तेजी से कार्बन मुक्त बनने की आवश्यकता पर गौर किया गया।
अपने मुख्य भाषण में केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में भारत की बढ़ती प्रभावशाली भूमिका पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘ यदि वैश्विक मांग एक प्रतिशत बढ़ रही है, तो हमारी मांग तीन गुना तेजी से बढ़ रही है। अगले दो दशकों में भारत ऊर्जा मांग में वैश्विक वृद्धि में 25 प्रतिशत का योगदान देगा।’’
मंत्री ने भारत की चुनौती को ‘‘ऊर्जा त्रिविधता’’ के रूप में पेश किया और उपलब्धता, सामर्थ्य तथा सफल हरित बदलाव के बीच संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
पुरी ने कहा, ‘‘ हमें हरित बदलाव को प्रबंधित करने और इसमें सफलता प्राप्त करने की अपनी क्षमता पर पूरा भरोसा है।’’
सम्मेलन की पहली मंत्रिस्तरीय समिति में अमेरिका, भारत, मिस्र, नाइजीरिया और तुर्किये के अधिकारी शामिल रहे। इन्होंने महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक और उद्योग चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया।
इस बीच, भारत और अमेरिका ने न्यायसंगत तथा व्यवस्थित ऊर्जा बदलाव के लिए ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों का पता लगाने पर सहमति व्यक्त की है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ऊर्जा संसाधन के लिए सहायक विदेश मंत्री ज्योफ्री प्याट से यहां मुलाकात की।
पुरी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘… आज ह्यूस्टन में मेरे मित्र और अमेरिका के ऊर्जा संसाधन के लिए सहायक विदेश मंत्री ज्योफ्री प्याट से मुलाकात की। हमने मौजूदा ऊर्जा सहयोग की समीक्षा की और एक न्यायसंगत तथा व्यवस्थित ऊर्जा बदलाव के लिए ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों का पता लगाने पर सहमति व्यक्त की।’’
प्याट ने भी सोशल मीडिया पर पुरी से मुलाकात और दोनों देशों के बीच बनी सहमति की जानकारी दी।