नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) अदाणी समूह ने महाराष्ट्र को दीर्घावधि के लिए 6,600 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा और ताप बिजली की आपूर्ति की बोली जीत ली है। कंपनी ने इसके लिए 4.08 रुपये प्रति यूनिट की बोली लगाई और जेएसडब्ल्यू एनर्जी और टॉरेंट पावर को पीछे छोड़ दिया। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि 25 साल के लिए नवीकरणीय और ताप बिजली दोनों की आपूर्ति के लिए अदाणी समूह की बोली महाराष्ट्र द्वारा फिलहाल खरीदी जा रही बिजली की दर से एक रुपये यूनिट कम है। इससे राज्य को भविष्य की बिजली जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
आशय पत्र (एलओआई) जारी होने की तारीख से 48 माह में बिजली की आपूर्ति शुरू होनी है।
बोली शर्तों के अनुसार, अदाणी पावर पूरी आपूर्ति अवधि के दौरान सौर बिजली की आपूर्ति 2.70 रुपये प्रति यूनिट की दर पर करेगी। वहीं कोयले से उत्पादित बिजली का दाम कोयला कीमतों के आधार पर निर्धारित (इंडेक्स्ड) किया जाएगा।
महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी (एमएसईडीसीएल) ने मार्च में सूरज की रोशनी से उत्पन्न 5,000 मेगावाट बिजली और कोयले से उत्पन्न 1,600 मेगावाट बिजली की खरीद के लिए एक विशिष्ट निविदा निकाली थी।
इसे लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले जारी किया गया था और राज्य में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले इसे अदाणी को दे दिया गया है। इस निविदा में व्यस्त समय में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा और ताप बिजली दोनों की आपूर्ति शामिल है।
सूत्रों के मुताबिक, अदाणी पावर ने अनुबंध जीतने के लिए 4.08 रुपये प्रति यूनिट की बोली लगाई।
वहीं दूसरी सबसे कम बोली 4.36 रुपये प्रति यूनिट जेएसडब्ल्यू एनर्जी की थी। यह महाराष्ट्र में पिछले साल खरीदी गई औसत बिजली कीमत 4.70 रुपये प्रति यूनिट से कम है।
महाराष्ट्र बिजली नियामक आयोग (एमईआरसी) ने 2024-25 के लिए बिजली खरीद की औसत कीमत 4.97 रुपये प्रति यूनिट तय की है। इस तरह अदाणी द्वारा लगाई गई बोली इससे एक रुपये प्रति यूनिट के करीब कम है। कुल मिलाकर चार कंपनियों ने 25 साल के लिए बिजली आपूर्ति की निविदा में भाग लिया।
देश की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ा ताप बिजली उत्पादक अदाणी पावर की उत्पादन क्षमता 17 गीगावाट से अधिक है, जो 2030 तक बढ़कर 31 गीगावाट हो जाएगी।
इसकी सहयोगी कंपनी, अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड 11 गीगावाट की उत्पादन क्षमता के साथ देश की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी है। इसे 2030 तक बढ़ाकर 50 गीगावाट करने का लक्ष्य है।