संगठन को मजबूत बनाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए खरगे, राहुल ने की पदाधिकारियों संग बैठक

नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को यहां अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिवों और संयुक्त सचिवों के साथ बैठक की और इस दौरान संगठन को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।

सूत्रों ने बताया कि खरगे और गांधी ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में इन नेताओं से मुलाकात की और संगठन को मजबूत करने के साथ ही पार्टी का जनाधार बढ़ाने पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी।

यह बैठक एक बड़े संगठनात्मक फेरबदल के कुछ दिनों बाद हुई है। इस फेरबदल में पार्टी ने कुछ नए पदाधिकारियों के प्रभार वाले राज्यों में बदलाव किया था जबकि कई नए सचिवों और संयुक्त सचिवों की नियुक्ति की गई थी।

खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि कांग्रेस हर भारतीय तक पहुंचेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने एआईसीसी के नवनियुक्त सचिवों और संयुक्त सचिवों की बैठक की अध्यक्षता की। हम अपने संगठन को मजबूत करने, प्रत्येक आवाज को साथ लेकर चलने और सत्ता को सच का आइना दिखाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

खरगे ने एआईसीसी के सचिवों और विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए संयुक्त सचिव नियुक्त किए हैं। ये पदाधिकारी संबंधित राज्यों में पार्टी के महासचिवों और प्रभारियों से जुड़े होते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष कार्यालय में समन्वयक प्रणव झा और गौरव पांधी को एआईसीसी सचिव बनाया गया है।

पार्टी के संचार विभाग में एआईसीसी सचिव विनीत पुनिया को भी यही जिम्मेदारी दी गई है, वहीं रुचिरा चतुर्वेदी को उनके साथ विभाग में सचिव नियुक्त किया गया है।

राजस्थान के दो पूर्व विधायक दानिश अबरार और दिव्या मदेरणा को क्रमश: दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए सचिव नियुक्त किया गया है।

वेणुगोपाल के साथ अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष नीता डिसूजा, एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष नीरज कुंदन और नवीन शर्मा को एआईसीसी सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है।

मनोज त्यागी और सुशांत मिश्रा को प्रशासन विभाग में संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया था।

पार्टी के एक नेता ने कहा कि संगठन में काम करने वाले और पार्टी के प्रति वफादार रहने वालों को फेरबदल में पुरस्कृत किया गया है।

यह बैठक हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों से पहले हो रही है। इस साल के अंत में महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं।