नयी दिल्ली, 31 अगस्त (भाषा) केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि जैव-विनिर्माण वैश्विक अर्थव्यवस्था के भविष्य को आकार देगा और भारत अपने प्रचुर जैव-संसाधनों के कारण इस क्रांति का नेतृत्व करने के लिए अच्छी स्थिति में है।
सिंह ने कहा, ‘‘भारत के पास अगली बड़ी क्रांति का नेतृत्व करने का अवसर है, जो जैव-विनिर्माण पर आधारित होगी। जहां पश्चिम ने आईटी क्रांति का नेतृत्व किया, वहीं भारत अपने विशाल और बड़े पैमाने पर अप्रयुक्त जैव-संसाधनों के साथ नेतृत्व करने के लिए तैयार है।’’
उन्होंने कहा कि जैव-विनिर्माण जलवायु परिवर्तन, संसाधनों की कमी और प्रदूषण जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करता है।
सिंह ने कहा कि इससे खाद्यान्न और ईंधन की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी और साथ ही नए रोजगार भी सृजित होंगे।
उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में अपना अधिकांश कच्चा तेल आयात करता है, लेकिन बायोमास और कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके जैव-विनिर्माण देश को ईंधन उत्पादन में अधिक आत्मनिर्भर बना सकता है।
मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, यह गैर-डेरी दूध विकल्पों के माध्यम से डेरी उद्योग को समर्थन दिया जा सकता है, जिससे संसाधन स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
पिछले सप्ताह, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘उच्च प्रदर्शन जैव-विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए बायोई-3 (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) नीति’ को मंजूरी दी थी।