विश्वविद्यालय कानून में संशोधन करेगी ओडिशा सरकार: मंत्री

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भुवनेश्वर, 30 अगस्त (भाषा) ओडिशा सरकार ने राज्य की पूर्ववर्ती बीजद सरकार द्वारा लाए गए ओडिशा विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम 2020 में संशोधन करने का फैसला किया है। यह जानकारी उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा को दी।

बीजू जनता दल (बीजद) विधायक गणेश्वर बेहरा के प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री सूरज ने कहा, “चूंकि आप बीजद सरकार द्वारा बनाए गए अधिनियम में संशोधन की मांग कर रहे हैं, इसलिए हम निश्चित रूप से ऐसा करेंगे।”

सूरज ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस संबंध में ओडिशा सरकार को एक पत्र लिखा है।

जयपुर और बारीपदा में सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति पर मंत्री ने कहा कि संस्थान विशेष ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों की देखरेख में काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ओडिशा विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन होने के बाद कुलपति के साथ-साथ शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति के मुद्दे हल हो जाएंगे।

राज्य की पूर्ववर्ती बीजद सरकार ने 1989 के मूल अधिनियम में कई व्यापक संशोधन करते हुए ओडिशा विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम लागू किया था।

मंत्री ने कहा कि कुलपतियों के चयन और विश्वविद्यालयों में शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती के संबंध में मौजूदा अधिनियम में निहित प्रावधान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों से अलग हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, बुद्धिजीवियों और कई विधायकों ने विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा सचिव के प्रतिनिधि के नामांकन पर भी सवाल उठाए हैं और दावा किया है कि इससे सार्वजनिक विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता प्रभावित हुई है।

ओडिशा के 30 जिलों में से झारसुगुड़ा, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जिलों में कोई सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं है। इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए सूरज ने कहा,‘‘मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि हम इन जिलों में कॉलेज स्थापित करेंगे, जो पिछली बीजद सरकार अपने 25 साल के शासन के दौरान नहीं कर पाई।’’

सदन को एक लिखित उत्तर में, उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार कॉलेज के छात्रों के लिए ‘नूतन उन्नत अभिलाषा, ओडिशा’(एनयूए-ओ) छात्रवृत्ति योजना के लिए चालू वित्तीय वर्ष से कोई बजटीय प्रावधान नहीं करने जा रही है, जिसे पूर्ववर्ती बीजद सरकार ने शुरू किया था।

उन्होंने कहा कि सरकार इस वर्ष से एक नयी योजना “स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को वित्तीय सहायता” शुरू करने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि विभाग योजना के दिशा-निर्देश तैयार कर रहा है।