मणिपुर के मुख्यमंत्री ने राज्य में छह महीने में शांति और सुलह होने का भरोसा जताया

बीरेन-सिंह

इंफाल, 30 अगस्त (भाषा) मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में छह महीने में शांति और सुलह होने का भरोसा जताते हुए कहा कि उन्होंने कुकी और मेइती समुदाय के बीच सुलह कराने के लिए दूत नियुक्त किया है।

सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को अपनी शांति योजना के बारे में बताते हुए कहा, ‘‘हिंसा नहीं, संवाद ही एकमात्र रास्ता है।’’

राज्य में अशांति को लेकर विपक्ष द्वारा की जा रही मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस्तीफा क्यों देना चहिए? मैं कोई चोर नहीं हूं, कोई घोटाला नहीं हुआ है।’’

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में पिछले साल तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

सिंह ने मेइती समर्थक मिलिशिया को पीछे हटने की चेतावनी दी और कहा कि वह राष्ट्र विरोधी, सांप्रदायिक कृत्यों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा, ‘‘पहाड़ी क्षेत्र में अलग कुकी प्रशासन का कोई सवाल ही नहीं है।’’

पूर्वोत्तर राज्य की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।