नयी दिल्ली, 28 अगस्त (भाषा) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि भारत में युद्ध, आतंकवाद और नक्सलवाद से भी अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में होती है।
गडकरी ने उद्योग मंडल फिक्की के ‘सड़क सुरक्षा पुरस्कार और संगोष्ठी-2024’ के छठे संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क परियोजनाओं की खराब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के कारण ‘ब्लैकस्पॉट्स’ (दुर्घटना संभावित क्षेत्र) की संख्या बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, “युद्ध, आतंकवाद और नक्सलवाद से भी अधिक लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में गई है।”
गडकरी के अनुसार, भारत में प्रतिवर्ष पांच लाख दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1.5 लाख लोगों की मृत्यु होती है, जबकि तीन लाख लोग घायल होते हैं।
उन्होंने कहा, “इससे देश को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तीन प्रतिशत का नुकसान होता है। ‘बलि के बकरे’ की तरह हर दुर्घटना के लिए चालक को दोषी ठहराया जाता है। मैं आपको बता दूं, और मैंने बारीकी से देखा है कि ज्यादातर दुर्घटनाएं सड़क इंजीनियरिंग में खामी की वजह से होती हैं।”
मंत्री ने सभी राजमार्गों के सुरक्षा ऑडिट की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं की संख्या कम करने के लिए, “हमें लेन अनुशासन का पालन करने की जरूरत है।”
गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय एम्बुलेंस और उसके चालकों के लिए कोड तैयार कर रहा है, ताकि उन्हें सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को शीघ्र बचाने के लिए कटर जैसी अत्याधुनिक मशीनों के उपयोग का प्रशिक्षण दिया जा सके।