नयी दिल्ली, 22 अगस्त (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को प्रसिद्ध जीव रसायन वैज्ञानिक और बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक गोविंदराजन पद्मनाभन को पहले ‘विज्ञान रत्न पुरस्कार’ से सम्मानित किया।
सरकार ने विज्ञान के क्षेत्र में दिए जाने वाले इस सर्वोच्च पुरस्कार की इस साल शुरुआत की है।
राष्ट्रपति भवन के ‘गणतंत्र मंडपम’ में आयोजित पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति ने 13 विज्ञान श्री पुरस्कार, 18 विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार और एक विज्ञान टीम पुरस्कार भी प्रदान किये।
चंद्रयान-3 मिशन पर काम करने वाले वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की टीम को ‘विज्ञान टीम’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार मिशन के परियोजना निदेशक पी वीरमुथुवेल ने प्राप्त किया।
सभी पुरस्कार विजेताओं को उनके संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए एक पदक और प्रशस्ति पत्र दिया गया।
‘विज्ञान श्री’ पुरस्कार से सम्मानित किये गये वैज्ञानिकों में बेंगलुरू स्थित भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम; तिरुवनंतपुरम स्थित राष्ट्रीय अंतर्विषयी विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक आनंदरामकृष्णन सी; भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान में रसायन विज्ञान समूह के निदेशक आवेश कुमार त्यागी; लखनऊ स्थित सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के प्रोफेसर सैयद वजीह अहमद नकवी शामिल हैं।
बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के जीवविज्ञानी उमेश वार्ष्णेय, पुणे स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के प्रोफेसर जयंत भालचंद्र उदगांवकर, आईआईटी दिल्ली के एमेरिटस प्रोफेसर भीम सिंह, श्री चित्रा तिरुनल आयुर्विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक संजय बिहारी, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर आदिमूर्ति आदि, आईआईएम कोलकाता के राहुल मुखर्जी को भी विज्ञान श्री पुरस्कार प्रदान किया गया।
इनके अलावा साहा नाभिकीय भौतिकी संस्थान के भौतिक विज्ञानी नबा कुमार मंडल और भारतीदासन विश्वविद्यालय, तिरुचिरापल्ली के लक्ष्मणन मुथुस्वामी और प्रो. रोहित श्रीवास्तव (प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष) को विज्ञान श्री से सम्मानित किया गया।
विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल, ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च’ के प्रोफेसर विवेक पोलशेट्टीवार और आईआईएसईआर-भोपाल के प्रोफेसर विशाल राय, भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान के कृष्णमूर्ति एस एल और राष्ट्रीय पादप जीनोम अनुसंधान संस्थान के स्वरूप कुमार परिदा को प्रदान किया गया।
आईआईएसईआर-भोपाल की प्रोफेसर राधाकृष्णन महालक्ष्मी, सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला, जमशेदपुर के अभिलाष; आईआईटी-मद्रास के राधा कृष्ण; झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय की पूरबी सैकिया; राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, गांधीनगर के बप्पी पॉल विज्ञान युवा पुरस्कार प्राप्त करने वालों में शामिल थे।
इनके अलावा पुणे स्थित आईसीएमआर- राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान की प्रज्ञा ध्रुव यादव, चंडीगढ़ के स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के प्रोफेसर जितेंद्र कुमार साहू; आईआईएससी, बेंगलुरु के महेश रमेश काकड़े विज्ञान युवा पुरस्कार प्राप्त करने वालों में शामिल थे।
रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट, बेंगलुरु की उर्वशी सिन्हा, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवनंतपुरम के दिगेंद्रनाथ स्वैन, अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, अहमदाबाद के प्रशांत कुमार और आईआईटी-मद्रास के प्रोफेसर प्रभु राजगोपाल को भी विज्ञान युवा पुरस्कार प्रदान किया गया।