नयी दिल्ली, 22 अगस्त (भाषा) दिल्ली में टैक्सी और ऑटोरिक्शा चालकों ने ‘कैब एग्रीगेटर’ सेवाओं से बेहतर भुगतान की मांग को लेकर बृहस्पतिवार से दो दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी। हड़ताल के बीच दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
टैक्सी और ऑटो यूनियनों ने कहा कि अपर्याप्त भुगतान के साथ-साथ एग्रीगेटर्स द्वारा मोटरसाइकिल टैक्सी सेवाएं शुरू किए जाने से उनकी आजीविका प्रभावित हुई है।
दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन (डीएटीटीसीयू) के अध्यक्ष किशन वर्मा ने दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में 80 प्रतिशत ऑटोरिक्शा और टैक्सियां सड़कों से नदारद हैं। उन्होंने घोषणा की कि जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
कैब चालक अनिल प्रधान ने गैर-वाणिज्यिक नंबर प्लेट का उपयोग करके सेवाएं देने वाली मोटरसाइकिल टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और गैर-वाणिज्यिक नंबर प्लेट वाले वाहनों के व्यावसायिक संचालन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। इससे जीवनयापन करना मुश्किल हो रहा है।’’
वहीं, एक अन्य कैब चालक आदर्श तिवारी ने कहा, ‘‘कंपनियां हमें हमारी सेवाओं के लिए बहुत कम रुपये प्रदान करती हैं। इसके कारण हम अपने वाहनों की किस्त भरने और अन्य खर्चों को पूरा करने में असमर्थ हैं। हम अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और अपने परिवारों के लिए पर्याप्त भोजन सुनिश्चित करने में असमर्थ हैं।’’
लोगों ने सोशल मीडिया पर कैब मिलने में देरी और बुकिंग रद्द होने के बारे में शिकायत की।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर उपयोगकर्ता प्रशुष ने पोस्ट किया, ‘‘पिछले 35 मिनट नोएडा में दिल्ली के लिए कैब लेने की कोशिश में गुजार दिए। ओला कैब, उबर इंडिया, रैपिडो बाइक ऐप में क्या समस्या है।’’
डीएटीटीसीयू के अध्यक्ष वर्मा ने कहा, ‘‘हम कैब एग्रीगेटर कंपनियों द्वारा निजी वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर भी विरोध प्रदर्शन करेंगे। जब निजी वाहनों को चलने की अनुमति है तो हमें परमिट लेने और करों का भुगतान करने के लिए क्यों मजबूर किया जाता है? हम मांग करते हैं कि सरकार उन पर प्रतिबंध लगाए।’’