तिरुवनंतपुरम, 20 अगस्त (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार न्यायमूर्ति हेमा समिति द्वारा दी गई विभिन्न सिफारिशों पर गंभीरता से विचार कर रही है, जिसमें न्यायाधिकरण की स्थापना और एक व्यापक सिनेमा कानून तैयार करना शामिल है।
विजयन ने यह भी कहा कि फिल्म उद्योग में महिलाओं के खिलाफ विभिन्न अपराधों के विरुद्ध समिति द्वारा अनुशंसित कार्रवाई पर राज्य में कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार एजेंसियां पहले से ही विचार कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की।
केरल सरकार ने 2017 में अभिनेता दिलीप से जुड़े एक अभिनेत्री पर हमले के मामले के बाद मलयालम सिनेमा में यौन उत्पीड़न और लैंगिक असमानता के मुद्दों का अध्ययन करने के लिए समिति का गठन किया था।
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी विपक्षी दलों द्वारा वामपंथी सरकार की इस बात के लिए कड़ी आलोचना के बाद आई है कि रिपोर्ट मिलने के बावजूद पिछले चार वर्ष से वह चुप है और निष्क्रिय है।
कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ ने आरोप लगाया कि पिनराई विजयन सरकार असहाय पीड़ितों के बजाय ‘शिकारियों’ का पक्ष ले रही है।
भाजपा ने आरोप लगाया कि सरकार आरोपियों द्वारा किये गये अपराधों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई करने में विफल रही है।
आरोपों को खारिज करते हुए विजयन ने पीड़ितों के प्रति उनकी सरकार के समर्थन को दोहराया और कहा कि यह उन कथित अपराधियों के बारे में नहीं था जिनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
सोमवार को जारी की गई बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट में फिल्म उद्योग में महिला पेशेवरों के उत्पीड़न, शोषण और दुर्व्यवहार के विस्फोटक विवरण दर्ज किए गए हैं और आरोप लगाया गया है कि एक “आपराधिक गिरोह” इस उद्योग को नियंत्रित कर रहा है, जहां महिलाओं को दबाया जा रहा है।