अपनी ही भूल के कारण खान-पान में अनियमितता करने के कारण हमारे पेट में बहुत गैस बननेे लगती है। यह बन कर निष्कासित होती रहे, तब तक तो बड़ी तकलीफ नहीं होती मगर जब यह निकलने का नाम न ले और अफरा बना रहे, तब बड़ी ही कठिनाई होती है। असहज स्थिति से गुजरना पड़ता है। आईए इस रोग से छुटकारा पाने के लिए कुछ घरेलू उपचार करें। हवा कम से कम बने, इसलिए आलू, चावल, तले पदार्थ, मांस, शराब आदि का सेवन न करें। भूख से अधिक न खाएं। कुछ हिस्सा पेट खाली भी रहे। खाली पेट रहने से भी गैस बनेगी। अत: भूखे न रहे। व्रत रखना एक अ’छा उपचार है। केवल सात दिनों में आधा दिन। पुदीना, अनारदाना, प्याज, धनिया आदि की चटनी जरूर लिया करें। लहसुन, अदरक का भी प्रयोग $जरूरी है। एक गिलास कुनकुने पानी में नींबू निचोड़ कर प्रात: ही पी लें। उसके बाद शौच आदि जाएं। जिन्हें कब्ज भी रहता हो और हवा भी काफी बनती हो, वे खाना खाने के बाद काला नमक, जीरा, नींबू मिला कर खारा सोडा पी लें। उससे काफी आराम मिलेगा। आंते साफ हो जाएंगी। जिन्हें पेट में अधिक हवा बनने की तकलीफ रहती हो वे गर्मी के मौसम में तरबूज तथा आम आदि अधिक मात्रा में न खाएं। इनसे भी हवा बनती है। भोजन पचेगा, पेट साफ रहेगा तो गैस, हवा कम बनेगी। हरे साग जैसे बथुआ, पालक, सरसों के साग खाएं। खीरा, ककड़ी, गाजर, चुकन्दर भी इस रोग को शांत रखते हैं। क”ो खाया करें। नारियल का पानी पीने को प्राप्त हो तो जो जरूर पियें। दिन में तीन बार, सारी तकलीफ गायब हो जाएगी। पका पपीता मिले तो जरूर खाएं। क’चे पपीते की सब्जी भी। खाना खाने के बाद आइस्क्रीम खाना या ठंडे पेय पीना भी हानि करता है। ऐसे में ठंडा जूस पीना भी ठीक नहीं रहता।